उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की सूची जारी होने कुछ ही घंटे बाद पार्टी में छह से अधिक सीटों पर बगावत करते हुए कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। भाजपा को सबसे अधिक विरोध पिथौरागढ़ की सीमांत धारचूला, भीमताल, गदरपुर, द्वाराहाट और नैनीताल विधानसभा सीट पर झेलना पड़ रहा है।धारचूला सीट पर पार्टी उम्मीदवार धन सिंह धामी का विरोध शुरू हो गया है। यहां भाजपा के 12 से अधिक लोगों ने सामूहिक इस्तीफा का ऐलान किया है।
मंडल महामंत्री मनोज कुमार समेत पार्टी के 12 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए कहा कि पार्टी की ओर से हमेशा धारचूला की उपेक्षा की जाती रही है और धारचूला को चुनाव लड़ाने की प्रयोगशाला बना दिया गया है। इस्तीफा देने वालों में प्रमोद कुमार, मनोज कुमार, उत्तम गिरी, पुष्कर नेगी, राजेन्द्र सेमिया, लवराज गोस्वामी, बबलू लोहनी, हीरा सिंह मेहरा, प्रेम सिंह नेगी, प्रह्लाद सिंह कठायत, रमेश फर्स्वाण व जगदीश उप्रेती के नाम शामिल हैं।इसी प्रकार गदरपुर विधानसभा में भी पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां विभन्नि पदों पर रहे रवीन्द्र बजाज ने केबिनेट मंत्री अरविंद पांडे को टिकट देने का विरोध किया है।
बजाज ने कहा कि वह मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक कई पदों पर रहे लेकिन 32 सालों में पार्टी ने उनका कभी सम्मान नहीं किया। उन्होंने श्री पांडे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पांडे की ओर से उनके समर्थकों का उत्पीड़न किया जाता रहा है। जो उन्हें स्वीकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष गुप्ता, सभासद परमजीत सिंह, अमर सिंह, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के सदस्य राजीव त्यागी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह समर्थकों के साथ बैठकर आगे की रणनीति बराएंगे।
इसके साथ ही नैनीताल जनपद की भीमताल विधानसभा सीट पर भी बगावत देखने को मिल रही है। यहां मडी समिति के पूर्व अध्यक्ष मनोज साह ने बागवती तेवर अख्तियार किए हैं। दावा किया जा रहा है कि आज भीमताल में हुई बैठक में उन्होंने अपने 300 कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की प्राथकिक सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
नैनीताल विधानसभा सीट पर दो दिन पहले कांग्रेस से भाजपा में आई सरिता आर्य का विरोध शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी के सचिव दिनेश आर्य ने सरिता आर्य को टिकट देने को लेकर आपत्ति दर्ज की है और कहा कि उनके पास निर्दलीय लड़ने का विकल्प खुला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जिस बदबदल का विरोध कर यहां पहुंची है वही अब इसे बढ़ावा दे रही है। बताया जा रहा है कि टिकट के दूसरे दावेदार हेम आर्य भी सरिता आर्य को टिकट देने से भारी नाराज हैं।
पिछले काफी समय से चर्चाओं में रहने वाली अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट विधानसभा में भी जिला उपाध्यक्ष कैलाश भट्ट पार्टी के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतिम क्षणों में उनके साथ धोखा हुआ है। यहां पार्टी ने यौन शोषण के आरोपी व सीटिंग विधायक महेश नेगी की जगह अनिल शाही को टिकट दिया है। भट्ट ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी तरह से किच्छा, गंगोलीहाट व बागेश्वर की कपकोट विधानसभाओं में विरोध के स्वर फूटे हैं। इससे साफ है कि यदि पार्टी ने विरोध के स्वरों को जल्द नहीं संभाला तो चुनाव में तस्वीर कुछ और देखने को मिल सकती है।