अलर्ट के बाद प्रदेशभर में भारी बारिश, मलबा आने से छह स्टेट हाईवे समेत 96 सड़कें बंद

मौसम विभाग ने हिदायत दी है कि भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भारी बारिश के बीच मंगलवार को भूस्खलन के कारण मलबा आने से प्रदेश की 96 सड़कें बंद हो गईं। इनमें सबसे अधिक 47 ग्रामीण सड़कें हैं। लोक निर्माण विभाग ने 24 सड़कों को खोल दिया है। अब भी 72 सड़कें बंद हैं और उन्हें खोलने के लिए मशीनरी मौके पर तैनात है।

विभाग के मुताबिक, सभी राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हैं। जबकि छह स्टेट हाईवे अब भी बंद पड़े हैं। सोमवार को चार स्टेट हाईवे खोले गए। बारिश के कारण सबसे ज्यादा ग्रामीण सड़कें प्रभावित हुई हैं।

इनमें 61 पीएमजीएसवाई व अन्य ग्रामीण सड़कें बंद थीं, जिनमें से 14 सड़कों को खोला जा चुका है। शेष 47 सड़कें अब भी बंद पड़ी हैं। विभाग के मुख्य अभियंता (नियोजन) ओम प्रकाश के मुताबिक, सड़कों को खोलने के लिए 69 मशीनें तैनात हैं। सभी बंद सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

नैनीताल समेत पांच जिलों में स्कूल रहे बंद
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में सभी शासकीय, अशासकीय, निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहे।

बुधवार को भी कुमाऊं में भारी बारिश का रेड अलर्ट
वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में कल भी भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड और गढ़वाल के कुछ जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि देहरादून समेत पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिले में कहीं-कहीं बिजली चमकने के साथ तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन सभी जिलों में कई दौर की तेज बारिश होने से जलभराव और भूस्खलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।