बदरीनाथ धाम के साथ ही हेमकुंट साहिब की यात्रा की तैयारियां जोरों पर है। यात्रा की तैयारियों को लेकर हेमकुंट साहिब के यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर भारतीय सेना के 35 जवान और 15 सेवादार गुरुवार को हेमकुंट साहिब पहुंच गए हैं।

सेना के जवानों और सेवादारों ने अरदास कर गुरुद्वारा प्रांगण के द्वार खोल दिए हैं। हेमकुंट साहिब गुरुद्वारे के कपाट आगामी 25 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे।

हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम जारी है। सेना एवं यात्रा को संचालित करने वाले गुरुद्वारा ट्रस्ट के सेवादार बर्फ के बीच में से रास्ता बनाते हुए श्री हेमकुंड साहिब की पवित्र भूमि पर पहुंचे। सेना के 35 सदस्य एवं ट्रस्ट के 15 सेवादारों की मौजूदगी में यहां अरदास के बाद गुरुद्वारे प्रांगण के मुख्य द्वार को खोला गया।

गुरुद्वारे का मुख्य द्वार खुलने के साथ ही हेमकुंड साहिब से नीचे की और मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। मौसम साफ होते ही सेना के जवानों और गुरुद्वारे के सेवादारों ने हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया था। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग घांघरिया से दो किमी आगे अटलाकोटी ग्लेशियर प्वाइंट से आगे बर्फ से ढका हुआ है।

सेना के जवान और सेवादार रविवार को गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हुए थे। उन्हें सोमवार को बर्फ हटाने का काम शुरू करना था, लेकिन मौसम खराब होने से सोमवार को काम नहीं हो पाया। मंगलवार को मौसम साफ रहा। जिसके बाद सेना के जवानों और सेवादारों ने पहले मार्ग का निरीक्षण किया और फिर बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया।