भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने में आप चंद दिन बचे हुए हैं लेकिन देश में बढ़ते कोरोनावायरस के प्रकोप से भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने में अभी भी संशय बना हुआ है बद्रीनाथ धाम से जुड़े हुए हक हकूक धारी ,धर्माधिकारी, धर्मशास्त्र विद्वानों का कहना है कि भगवान बद्रीविशाल के कपाट तय तिथि पर ही खोले जाएंगे लेकिन कपाट खुलने के दौरान तीर्थ यात्री मौजूद नहीं रहेंगे ऐसी परिस्थिति 1920 में भी सामने आई जब 1920 में पहाड़ों में हैजा जैसी बीमारी खतरनाक तरीके से बढ़ती गई उस दौरान भी अखंड ज्योति के दर्शन तीर्थयात्री नहीं कर पाए थे और अब 100 साल बाद 2020 में भी लग रहा है कि तीर्थ यात्री कपाट खुलने के दिन अखंड ज्योति के दर्शन नहीं कर पाएंगे हालांकि बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि उन्होंने 1920 की महामारी के बारे में पूर्वजों से सुना था लेकिन 2020 की महामारी का जिक्र हिंदू पंचांग में भी स्पष्ट तौर से लिखा हुआ है उनका कहना है कि 2020 में विश्व में महामारी जैसी स्थिति का उल्लेख हिंदू पंचांग को में लिखा हुआ था जो कि प्रत्यक्ष रूप से सामने दिखाई दे रहा है कुछ विद्वानों का कहना है कि 100 साल में ऐसी बीमारी उत्पन्न होती है जो महामारी का रूप ले लेती है हालांकि वैज्ञानिक युग में इन चीजों होना संभव नहीं माना जाता है लेकिन धर्मशास्त्र ऐसी स्थिति को मानते हैं और इन पर अध्ययन भी करते हैं जैसे-जैसे स्थिति और हिंदू पंचांग के अनुसार महा बढ़ते जाएंगे उसी प्रकार कोरोनावायरस पर नियंत्रण भी पाया जाएगा लेकिन वर्तमान समय की स्थिति को देखकर लग रहा है कि भगवान बद्री विशाल की यात्रा पूर्ण रूप से कोरोनावायरस के चलते प्रभावित हो चुकी है
100 साल बाद एक बार फिर से तीर्थयात्री नहीं कर पाएंगे अखंड ज्योति के दर्शन,
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