ऋषिकेश/
एम्स ऋषिकेश में भर्ती आईटीबीपी के जवान के दोनों पैरों का ऑपरेशन एक सप्ताह बाद किये जाने पर परिजनों ने लगाया एम्स प्रबंधन पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप, वही घायल जवान को देखने नही पहुंचा कोई भी आईटीबीपी का अधिकारी, महज एक जवान को देखरेख के लिये तैनात किया।
बीते 16 फरवरी को जोशीमठ के औली में आईटीबीपी के जवान प्रेमसिंह अन्य जवानों को आईस स्कीइंग का प्रशिक्षण दे रहे थे इसी दौरान वह दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे, जिन्हें 17 फरवरी को लगभग बारह घण्टे के टूटे सड़क मार्ग से ऋषिकेश स्थित एम्स में लाया गया, जहां एम्स प्रबंधन ने उन्हें अस्थि वार्ड में भर्ती कर लिया, वही रोज घायल जवान के परिजनों को उपचार का अस्वाशन दिया जाता रहा, साथ ही डॉक्टरों के कहे जाने पर रोज परिजन घायल जवान को स्ट्रैचर पर लेकर ऑपरेशन थियेटर पहुँचते और कई घण्टे ऑपरेशन होने का इंतजार कर वापस लौट आते, वही 17 फरवरी से 25 फरवरी तक लगभग नो दिन तक परिजन अस्पताल प्रबंधन की धींगा-मस्ती का शिकार बना रहा, इस सम्बंध में घायल जवान प्रेमसिंह के भाई दीपक रावत ने एम्स प्रबंधन पर आरोप लगाया कि उनको रोज ऑपरेशन के लिये बुलाया जाता रहा लेकिन ऑपरेशन नही किया गया, जब उन्होंने अपने भाई को अन्य चिकित्सालय ले जाने की बात कही तब जाकर नो दिनों बाद घायल जवान को ऑपरेशन थियेटर के अन्दर ले जाया गया। उन्होंने एम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस दिन वह अपने घायल भाई को लेकर एम्स लाये थे उस दिन से लगभग तीन दिनों तक ऑपरेशन की वजह से उन्हें खाने को भी नही दिया गया।
वही घायल प्रेमसिंह के परिजन भगत सिंह ने एम्स प्रबंधन पर ईलाज के नाम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब एक सेना के जवान के ईलाज में लापरवाही बरती गई हो तो आम मरीजों का ईलाज कैसा होगा यह सोचनीय है, उन्होंने कहा कि सेना का जवान देश सेवा में अपना सर्वस्व देता है ऐसे में सेना के जवान के ईलाज में देरी बरतना सही नही है, वही उन्होंने बताया कि आईटीबीपी की ओर से प्रेमसिंह की देखरेख के लिये एक जवान को तैनात तो किया गया है लेकिन घायल प्रेमसिंह को देखने के लिये आईटीबीपी के किसी भी अधिकारी के न आने पर भी उन्होंने नराजगी व्यक्त की।
गौरतलब है कि आईटीबीपी का जवान प्रेमसिंह जोशीमठ के उर्गम गाँव का रहने वाला है और जम्मूकश्मीर के लेह-लद्दाख में चीन सीमा पर 37वीं बटालियन में तैनात है, बीते पांच माह पूर्व प्रेमसिंह जोशीमठ के औली में होने वाली आईस स्किंग गेम की तैयारी के लिये वह साथी जवानों को लेकर आया हुआ था जो साथी जवानों को प्रशिक्षण दे रहा था इसी दौरान वह अनियंत्रित होकर गिर पड़ा था जिससे उसके दोनों पैरों की हड्डियां टूट गयी थी जिसे ईलाज के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया था।