उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के एक पूर्व संविदा कर्मचारी बसन्त कौशिक ने उत्पीड़न पर कार्रवाई न होने से क्षुब्ध होकर जहर खा लिया है। जहर खाने से उसकी हालत चिंताजनक बनी है और वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।
आत्महत्या की धमकी देने से पहले उसने निगम के एक चीफ इंजीनियर समेत आठ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाने का वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल कर खुद गायब हो गया था। जिसके बाद आरोपित अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। काफी खोज खबर के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला। लेकिन वीरवार शाम को जानकारी मिली कि बसन्त ने जहर खा लिया है और वह इंद्रेश अस्पताल में भर्ती है।अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिलते ही ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने थोड़ा राहत की सांस ली है। लेकिन जब तक वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाता है तब तक अधिकारियों के सुकून-चैन की उम्मीद कम ही है।भगवान न करे कि इस बीच कोई घटना हो जाए तो आरोपित अधिकारियों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
इस घटना के बाद यूपीसीएल में हड़कंप मचा हुआ है। आरोप कितने सच और कितने झूठे हैं यह तो जांच का विषय हो सकता है, लेकिन आत्महत्या करने जैसा आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होना भी कहीं न कहीं लचर सरकारी सिस्टम पर सवाल तो खड़े करता ही है।
ये है पूरा मामला: ऊर्जा निगम के निरंजनपुर सब स्टेशन में उपनल के माध्यम से बतौर लाइनमैन नियुक्त किए गए बसंत कौशिक ने एक मुख्य अभियंता समेत आठ अधिकारियों पर उत्पीडऩ और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद कुछ समय पूर्व उक्त कर्मी को नौकरी से निकाल दिया गया। नौकरी से निकाले जाने के बाद से वह परेशान चल रहा था। बीते बुधवार को उक्त कर्मचारी ने एक वीडियो बनाया और वाट्सएप के माध्यम से कई लोगो को भेज दिया।
वीडियो में उसने मुख्य अभियंता एके सिंह (सेवानिवृत्त), उनकी पत्नी अनुपमा सिंह पर उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा अधीक्षण अभियंता रवि राजोरा, अधिशासी अभियंता अनिल मिश्रा, एसडीओ अनुज अग्रवाल, वीके जोशी, जेई सूर्य प्रकाश पोखरियाल और मुस्तकीम अली का नाम भी वीडियो में लिया है।
बसंत का कहना है कि उक्त सभी अधिकारियों ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया।
उसने एसडीओ अनुज अग्रवाल पर 6.50 लाख रुपये रिश्वत के नाम पर ऐंठने का भी आरोप लगाया है। बंसत ने वीडियों में उक्त अधिकारियों के उत्पीडऩ से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात कही है। साथ ही सभी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है।
सोशल मीडिया में आत्महत्या का वीडियो वायरल करने के बाद बसंत कौशिक को संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उसका नंबर लगातार स्विच आफ जा रहा था और वह घर पर भी नहीं मिला। जिसके बाद निगम अधिकारियों की नींद उड़ गई थी। पुलिस के अलावा निगम अधिकारी-कर्मचारी भी बसन्त की खोज खबर में जुट गए। लेकिन वीरवार सुबह तक उसका कहीं कोई सुराग नहीं मिला, जिससे निगम अधिकारियों की परेशानी और बढ़ गई।
इधर, वीरवार शाम को पटेलनगर पुलिस ने बताया कि बसन्त को बेसुध अवस्था में महंत इंदिरेश अस्पताल में लाया गया है। जहां चिकित्सकों ने बताया कि बसंत ने जहर खाया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।