घांघरिया हेमकुंड साहिब का मुख्य पड़ाव माना जाता है यहां से हेमकुंड की यात्रा मात्र 6 किलोमीटर के रह जाती है उसी स्थान को तोड़ने की तैयारी वन विभाग के द्वारा की जा रही है वन विभाग ने यहां के स्थानीय लोगों को नोटिस दिया है कि वह उनकी भूमि पर बनी हुई बिल्डिंगों को जल्द से जल्द स्वस्थ कर दें हेमकुंड साहिब का मुख्य पड़ाव घांघरिया ही है जो आप दुनिया के नक्शे से मिटने जा रहा है।

वन विभाग ने यहां लगभग 49 भवनों के साथ-साथ गुरुद्वारे के आधे हिस्से को तोड़ने का फरमान जारी कर दिया है वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में यहां व्यवसाय करने वाले लोगों को छावनी के तौर पर जमीन दी गई थी लेकिन लोगों ने यहां बड़े-बड़े भवन निर्माण कर दिए हैं जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है पर्यावरण को देखते हुए जंगल में किसी शहर को बसाया जाना गैरकानूनी है लिहाजा वन विभाग और बड़ी कार्रवाई करने जा रही है

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग के द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है वह गैरकानूनी है इससे कई लोगों का रोजगार छिन जाएगा हेमकुंड साहिब यात्रा पर सैकड़ों परिवार का जीवन यापन होता है अगर विभाग के द्वारा इतनी बड़ी कार्रवाई की जाती है तो इससे भारी से भारी नुकसान होगा लोग बेघर हो जाएंगे और लोगों की रोजी-रोटी छिन जाएगी

स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि वन विभाग के द्वारा 2005 में भी यहां सर्वे कराई गई थी जिसके बाद भूमि को 1 पंचायत में सम्मिलित किया गया था ना कि वन विभाग को दिया गया था इसलिए इस पूरी भूमि पर ग्राम पंचायत का अधिकार है लेकिन वन विभाग अनावश्यक तौर पर इस और कार्यवाही कर रहा है जो गैरकानूनी है

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि उनके द्वारा पूर्व में ही गुरुद्वारे की लीज वाली भूमि के दस्तावेज विभाग को दिए जा चुके हैं लेकिन विभाग इस और कोई भी जवाब नहीं दे रहा है जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होते है

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