विश्वव्यापी महामारी को रोना के मध्य नजर 15 मई को भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए गए थे लेकिन ग्रीष्म काल में अभी तक भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए एक भी तीर्थ यात्री बद्रीनाथ धाम नहीं पहुंचा जबकि भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुले हुए 17 से 18 दिन हो चुके विश्वव्यापी कोरोनावायरस के मध्यनजर लाक डाउन के अंतर्गत 8 जून से मठ मंदिरों को खोलने की अनुमति दी जा रही है जिसके लिए इन सरकार और प्रशासन की ओर से तैयारियां भी चल रही है चमोली प्रशासन भी भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने के बाद यात्रा शुरू करने के लिए तैयारियां कर रहा है जोशीमठ के उप जिला अधिकारी अनिल कुमार चनयाल ने बताया कि बद्री विशाल की यात्रा के लिए प्रशासन ने 1000 से 1500 तीर्थ यात्रियों को ही दर्शन कराने की योजना तैयार की है बताया कि बद्रीनाथ जाने वाले सभी तीर्थ यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इस संख्या में बढ़ोतरी और कमी भी आवश्यकता अनुसार की जा सकती है दूसरी तरफ मंदिर परिसर में दर्शनों के लिए विशेष व्यवस्था की जारी है प्रसाद वितरण से लेकर सोशल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बताया कि स्थानीय हकूक धारियों राय है कि अगर सरकार ग्रीन जोन से ग्रीन जोन यात्रा कराए तो यात्रा संचालित करने में सुविधा होगी और इससे कोरोना संक्रमण बढ़ने से भी रोका जा सकता है

बद्रीनाथ धाम के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता ने बताया कि धाम की यात्रा आरंभ करने की बात तो कही जा रही है लेकिन इस दौरान होटल व्यवसाय को विशेष ध्यान रखना होगा सीमित कमरों की परमिशन स्थानीय होटल व्यवसाय को दी गई है। साथ ही होटल में कार्य करने वाले व्यवसाय को भी विशेष ध्यान रखना होगा खाना बनाने से लेकर अन्य सफाई कर्मियों को होटल में प्लास्टिक किट का प्रयोग करना होगा जिससे होटल व्यवसाय को पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा इसलिए होटल व्यवसायियों का कहना है कि प्रशासन को अपने मठ ,मंदिरों और सरकारी भवनों में ही तीर्थ यात्रियों को रहने की व्यवस्था करनी चाहिए।

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