हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े से निष्कासित किये गए संत रामानंद पुरी ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और महंत रविन्द्र पुरी सहित अन्य संतों के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में फर्जी कागजात बनाने और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इधर, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि वे जांच को तैयार हैं।
बताते चलें कि हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के पास रामानंद इंस्टीट्यूट है। इंस्टीट्यूट को महंत रामानंद संचालित कर रहे थे। लेकिन उनकी गतिविधियों को देखते हुए अखाड़ा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। सचिव पद से हटाते हुए दिल्ली के एक पूर्व कांग्रेसी विधायक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया। विवाद को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके संस्था के खिलाफ की जा रही रामानंद की गतिविधियों की जानकारी दी। इसी बीच जवालापुर में रामानंद ने फर्जी तरीके से कागजात बनाकर सोसाइटी सोसायटी के माध्यम से रामानंद इंस्टीट्यूट पर कब्जा करने और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि आरोप निराधार है और वह जांच को तैयार हैं।