आजादी के बाद आज तक सीमांत क्षेत्र नदी घाटी में संचार और स्वास्थ्य सुविधा बहाल न होने किस तरीके से लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है इस तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है जब नीति घाटी के द्रोणागिरी गांव में रहने वाले 80 साल के बुजुर्ग को ग्रामीणों ने कंधे पर उठाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया और उसके बाद देहरादून उपचार के लिए लेकर गए 21 मई को द्रोणागिरी गांव के निवासी इंद्र सिंह कुंवर की अचानक तबियत बिगड़ी गांव में संचार और सड़क मार्ग ना होने से कंधे पर उठाकर ग्रामीणों ने जैसे तैसे इंद्र सिंह कुंवर को अस्पताल पहुंचाया यह घटना गांव के प्रधान पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि इंदर सिंह कुंवर की अचानक तबीयत खराब हुई जिसके बाद गांव और परिवार के लोगों ने पालकी बनाकर कंधे में रखकर अस्पताल ले गए वर्तमान में उनका इलाज देहरादून में चल रहा है उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्र में अभी तक संचार की व्यवस्था नहीं है और ना ही स्वास्थ्य की सुविधा वहीं सड़क मार्ग ना होने से पैदल आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है प्रधान ने बताया कि उनके द्वारा कई बार स्वास्थ्य विभाग को फोन भी किया गया लेकिन उनको कोई मदद नहीं मिल पाई जिसकी वजह से मरीज की जान आफत में आ गई थी उनका कहना है कि नीति घाटी मैं यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरीके से मरीजों को कंधों में उठाकर ग्रामीण सड़क मार्ग पर न लाए हो कहना है कि कई बार छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी उनको काफी कठिनाइयों का सामना करके मरीज को अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है लेकिन शासन-प्रशासन है कि इस और कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है।

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