रिपोर्टर- दीपक भारद्वाज

एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था शक्तिफार्म कोषाध्यक्ष शंकर चौधरी सदस्य चंदन सरकार के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 123 वीं जयंती पर शक्तिफार्म सुभाष चौक में संस्था पदाधिकारियों ने सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा में माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था शक्तिफार्म संरक्षक श्यामल सरकार सचिव श्रीवास पाल ने संयुक्त रूप से कहा की 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है आज के दिन ही स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाष चन्द्र बोस का जन्म उड़ीसा के कटक के प्रसिद्ध वकील जानकी नाथ तथा प्रभावती देवी के यहां हुआ था सुभाष चन्द्र बोस के अंदर बचपन से ही अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भरा था यही कारण है कि पिता के कहने पर सुभाष चन्द्र बोस ने आईएएस की परीक्षा पास की पर वह ज्यादा दिन नौकरी नहीं कर पाए और ब्यूरोक्रेट की नौकरी छोड़कर भारत वापस आ गऐ 1921 में उनकी मुलाकात अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी से हुई वहीं उन्होंने ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया और सुभाष चन्द्र बोस कहते थे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा ऐसे तमाम जोश से भरे नारे उस दौर में पूरे हिन्दुस्तान में छा गऐ थे और उनकी मुहिम से लाखों लाखों भारतीय जुड़ते चले गऐ जिससे उनकी बढ़ती ख्याति और ताकतवर होती आजाद हिन्द फौज से अंग्रेज घबरा गऐ और 12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने अत्यंत मार्मिक भाषण देते हुऐ कहा था कि अब हमारी आजादी निश्चित है परन्तु आजादी बलिदान माँगती है आप मुझे खून दो मैं आपको आजादी दूंगा यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था जो भारत ही नहीं पूरे विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित है इधर देश की आजादी की उम्मीद लगाऐ बैठे भारतीयों को तब बहुत बड़ा सदमा लगा जब सुभाष चन्द बोस 16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाले भारत माँ का दुलारा बेटा सदा के लिए राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति जलाकर अमर हो गऐ लेकिन आज भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की बहादुरी के किस्से लोग बहुत चाव से सुनते हैं उनकी वीरता को देखते हुऐ कई भारत माँ के सपूतों ने भारत माँ की आन बान शान को सदा बनाऐ रखने के लिए शहीद हुऐ हैं खासकर भारतीय युवाओं के लिए नेताजी बहुत बड़े प्रेरणास्रोत हैं क्योंकि सुभाष चन्द्र बोस के विचार बहुत क्रांतिकारी थे जो उनके नारे आज भी किसी के भी तन मन में जोश भर देते हैं हम हर भारतीय बच्चे को उनको और भारत की स्वतंत्रता के लिये किये गये उनके कार्यों के बारे में जरुर जानना चाहिये जिससे हमारे भारतवर्ष की आने वाली पीढ़ी को भारत देश के प्रति निष्ठावान प्रगतिशील आस्था और अधिक जागृत हो सके
इस दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनाने में संस्था शक्तिफार्म श्यामल सरकार कोषाध्यक्ष शंकर चौधरी सचिव श्रीवास पाल चंदन सरकार विजय चन्द उर्मी सरकार सीमा सरकार शक्ति सरकार शुभम शाह कंकन मण्डल विश्वजीत मिस्त्री गोविन्द देवनाथ लक्ष्मी हालदार सूरज मिस्त्री मुकेश कुमार सुशील राय दीपक प्रजापति सूरज कुम्हार आदि लोग उपस्थित रहे

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