सुपा भरने लोगों के घर में जा रहे जाख देवता भगवान ज़ाख देवता अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए 18 दिन तक जोशीमठ क्षेत्र का भ्रमण करेंगे नरसिंह मंदिर में इस बार तिलिंग जाख् देव वरा यात्रा पर निकले हैं 16 जनवरी को देर शाम को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 6:00 बजे जाख़ देवता को क्षेत्रीय भ्रमण के लिए उनके विशेष मंदिर से बाहर निकाला गया जाख़ देवता अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए हर तीसरे साल में अपने गर्भ गृह से बाहर आते हैं और क्षेत्र का भ्रमण करते हैं जाख़ देवता की पूजा के लिए नरसिंह मंदिर में विशेष तैयारियां की जाती है इस दौरान महिलाये मांगलिक गीत भी गाकर जाख़ देवता का स्वागत करती है जाख़ देवता की मूर्ति को एक विशेष कमरे में लाया जाता है जहां लकड़ी की लम्बी लाट पर मूर्ति को सजाया जाता है रंग बिरंगी चुनरी और कपड़ों से जाख़ देवता को सजाया जाता है उसके बाद जोशीमठ के पास से ही अलकनंदा के दर्शनों के लिए जाख़ देवता को ले जाया जाता है उसके बाद। जाख़ देवता के पुजारी देर रात भोग लगाते हैं और जा ख देवता की विशेष पूजा-अर्चना होती है 16 जनवरी से जाख देवता प्रत्येक दिन जोशीमठ क्षेत्र के अलग-अलग गांव में जाएंगे और लोगों को दर्शन देंगे इस दौरान स्थानीय लोग जाख देता को चावल, फल ,पुष्प आदि का भोग लगाते हैं मान्यता है कि ब्रह्मा के अवतार जाख देवता गांव की खुशहाली के लिए और विशेष रूप से कर वसूलने के लिए भ्रमण करते हैं प्रत्येक परिवार से कर वसूल कर उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं जाख देवता की कथा बहुत ही पुरानी मानी जाती है यह सभी ब्रह्मा के अवतार होते हैं और अलग-अलग गांव में अलग-अलग विधि विधान के साथ पूजे जाते हैं जोशीमठ के जाख जोशीमठ क्षेत्र के सबसे बड़े भाई माना जाते है यहां पर जाख देवता को मिलने चाई, थैग, रवि ग्राम आदि जगहों से पहुंचते हैं और इनका भव्य मिलन होता है जाख देवता भूमि के मालिक भी माने जाते हैं इसलिए यह भूमि में होने वाले अनाज अपने भक्तों से प्राप्त करने के लिए पहुंचते हैं भक्त भूमि में उत्पन्न होने वाले अनाज गेहूं ,धान ,दाल आदि भक्त अपने देवता को भोग स्वरूप प्रदान करते हैं जोशीमठ क्षेत्र में भ्रमण के दौरान ढोल के 18 तालों में जाख का अद्भुत नृत्य भी होता है जाख देवता ढोल दमाऊ के 18 तालों पर नाचते हैं भारी बर्फबारी हो या बारिश हो जाख देवता का यह नृत्य बड़ा ही अद्भुत होता है। इस अवसर पर देव पूजा समिति अध्यक्ष श्री भुवन चन्द्र उनियाल
पुजारी श्री योगेश्वर प्रसाद भट्ट
पूर्व अध्यक्ष श्री गोविन्द प्रसाद भट्ट, भरत सती,प्रकाश सती,उमेश सती,
जाख्या श्री लक्ष्मी प्रसाद सती
श्री द्वारिका विष्ट , सतीश भट,
विनोद सती
वीरेंद्र सिंह नेगी
गोरव नम्वूरी
सूरज नम्बूरी
कैलाश भट्ट
सुधाकर उनियाल आदि उपस्थित रहते है