ज्वालापुर में चार दिन पहले घर से डेढ़ साल के बच्चे का अपहरण नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई थी। हत्या करने वाला और कोई नहीं बच्चे की एक सगी बहन और दूसरी चचेरी बहन है। दोनों बहनें नाबालिग हैं। दोनों ने बच्चे को नींद की गोली खिलाकर उसको लालपुल से गंगनहर में फेंक दिया था। आरोपी बहनों ने पूछताछ में बताया कि बच्चे की देखभाल से परेशान होकर उन्होंने ऐसा किया था। माता-पिता के काम पर जाने के बाद दोनों बहनों को बच्चे की देखरेख करनी पड़ती थी।
दिनांक 29 नवंबर को कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र अंतर्गत मौहल्ला लोधा मण्डी में अपने घर में सो रहा एक डेढ़ साल का बच्चा गायब हो गया था। पिता की शिकायत पर कोतवाली ज्वालापुर में अभियोग पंजीकृत कर तलाश की गई।
आसपास के सीसीटीवी की फुटेज खंगाली गयी जिसमें उस दिन पांच बजे बच्चे की 14 वर्षीय सगी बहन और 12 वर्षीय चचेरी बहन घर से निकलती हुई दिखी। घर से निकलते वक्त बहन के हाथ में एक बैग था। वापस आते वक्त बैग नहीं था, शक होने पर पुलिस टीम द्वारा दोनों बहनों से पूछताछ की गयी तो दोनों बहनों ने पुलिस टीम और परिवारजनो के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
दोनों ने बताया कि 28 नवंबर की रात को भाई के दूध में नशीली दवाई मिलाई और उसे दूध पिलाया था। 29 नवंबर की सुबह कमरे से बच्चे को उठाया और लालपुल ज्वालापुर से उसे गंगनहर में फेंक दिया। बहनों ने बताया कि मां और पिता के काम पर जाने के बाद दोनों बहनों को भाई की देखभाल करनी पड़ती थी। सगी बहन ने यह भी बताया कि भाई के पैदा होने के बाद से उसे मां और पिता का लाड प्यार कम मिल रहा था। दोनों नाबालिग बहनों को बाल सुधार गृह भेजा दिया गया।