गौचर मेले की चैथी सांस्कृतिक संध्या लोक गायिका प्रियंका महर एवं देश मेरा रंगीला के कलाकारों के नाम रही है। प्रियंक महर के रणसिंह बाजों तुतरी बाजी, बाजी रे मुरूली हुडकी घमा घम सहित तमाम गीतों ने ऐसा समा बाधा कि लोग देर रात तक थिरकते रहे। हजारों की संख्या में पहुॅचे स्रोताओं ने लोकगीतों का खूब आनंद उठाया। चैथी सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि रूद्रप्रयाग विधायक भरत चैधरी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत ‘देश मेरा रंगीला’ बहु सांस्कृतिक फैशन शो के साथ हुई। जिसमें कलाकारों ने भारत की विभिन्न राज्यों की भेष भूषा, भाषा व संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से श्रोताओं का जमकर मनोरंजन किया। देश मेरा रंगीला के लोक गायकों एवं कलाकारों ने पंजाबी गिद्धा डांस, महाराष्ट्र की लावणी, राजस्थान का घूमर, बिहार की जट-जाटनि, हरियाणा के झूमर, जम्बू कश्मीर के कूद डांडी नाच, तमिलनाडु के भारत नाट्य, उत्तराखण्ड का गढवाली व कुमाऊंनी लोक नृत्य व लोक गीतों की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और देश की विविधता में एकता का संदेश भी दिया।

इसके बाद मशहूर लोक गायिका प्रियंका महर ने एक से एक गानों की दमादम प्रस्तुति देकर देर रात तक दर्शकों को खूब नचाया। प्रियंका महर ने चैता की चैत्वाल, थल की बाजारा, ता छुमता छुमा छुमा.., गढवाल में बाग लागों……दमादम मस्त कलंदर, रंगीलो मेरो ढोलना…, बाबडी हो गई…तू कैन्दी बिगरेल दी पूरा लंदन ठुमक दा…सहित तमाम हिन्दी, गढवाली व पंजाबी गीतों ने देरा रात तक लोगों को नाचने के लिए मजबूर किया। दर्शकों के जोश को देखते हुए प्रियंका ने खुद भी दर्शकों के बीच जाकर गाने गाए और जमकर डांस भी किया। प्रियंक महर को सुनने के लिए हजारों की संख्या में उनके चाहने वालों की भीड जुटी थी। कार्यक्रम के बाद युवाओं में प्रियंक महर के साथ सेल्फी लेने की होड़ रही। लोक गायिका प्रियंका महर ने कहा कि वो पहली बार गौचर मेले में आयी है और यहाॅ से इतना प्यार पाकर वो बहुत खुश है। उन्होंने गौचर के सभी दर्शकों एवं श्रोताओं का धन्यवाद भी किया।

इस दौरान मंच का संचालन राकेश कुमार पल्लव, योगेश धसमाना तथा सानिया अजीज द्वारा किया गया। सभी कलाकारों को मेला समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह व शाॅल भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

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