सितारगंज-सिखों के पर्व गुरु पर्व को लेकर शहर में शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को बुलाई गई बैठक। कोतवाली में हुई इस बैठक में सभी धर्मों के सम्मानित लोगों सहित उप जिलाधिकारी पुलिस क्षेत्राधिकारी व नगर पालिका ई0ओ0 सहित पुलिस टीम रही मौजूद। बैठक में बुलाए गए सभी धर्मों के सम्मानित लोगों से आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए प्रशासन द्वारा उनकी समस्याएं भी सुनी गई जिनको बतौर सुझाव लिया गया और उन पर अमल करने की बात की गई। हालांकि देखा जाए तो सितारगंज क्षेत्र में सभी धर्मों के बीच आपसी सौहार्द में कोई कमी नहीं है।
गुरु पर्व पर बड़े धूम धाम से नागरकीर्तन निकला जाता है गुरु नानक जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन उनका जन्मदिन होता है. इसलिए इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. इस साल गुरुनानक की 550वीं जयंती है.
गुरुनानक पर्व को गुरु के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन उनके अनुयायी उनकी बताई गई शिक्षा को याद करते हैं और उस पर चलने का संकल्प लेते हैं. इस दिन गुरुद्वारों में दो दिन का अखंड पाठ होता है. गुरु ग्रंथ साहिब का बिना रुके 48 घंटे तक पाठ होता है.
गुरुपर्व से एक दिन पहले नगरकीर्तन का आयोजन किया जाता है. जुलुस में पीछे-पीछे अनुयायी होते हैं जो कीर्तनी और भजन गाते हुए आगे बढ़ते हैं।