दिनांक 26.10.2019 की देर सांय पुलिस केा सूचना मिली कि ग्राम मड़-खड़ायत के तोक मड़धुरा केा जाने वाले मार्ग में जंगल में बने मकान में एक व्यक्ति का शव पड़ा है, जिसका अन्यंत वीभत्स तरीके से गला रेता गया है। सूचना पर पुलिस अधीक्षक महोदय श्री आर0सी0 राजगुरू द्वारा तत्काल थानाध्यक्ष जाजरदेवल, एसओजी टीम तथा निरीक्षक एलआईयू केा पुलिस टीम के साथ घटनास्थल केा रवाना करते हुए पुलिस उपाधीक्षक पिथौरागढ़ को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचने पर देखा गया कि घटनास्थल पर मकान का एक कमरा खुला हुआ था तथा अंदर चारपाई पर एक शव पड़ा हुआ था, शव का गला बुरी तरह काटा गया था तथा चेहरे/आंखों केा गोदा गया था। इसके अतिरिक्त शव का गुप्तांग की काटा गया था।
निरीक्षण पर पाया कि उक्त मकान मड़-खड़ायत के तोक मड़धुरा केा जाने वाले मार्ग में जंगल में एकांत में बना हुआ है आस-पास कोई अन्य मकान नही है। जानकारी करने पर उक्त मकान एक्स आर्मी भगवान सिंह खड़ायत पुत्र स्व0 त्रिलोक सिंह निवासी मड़ खड़ायत का होना पाया गया तथा मकान में लगभग 8-9 माह से नेपाली मजदूर काशी बोरा, हरीश बोरा व उसकी पत्नी कलावती रहते थे। यह भी जानकारी में आया कि कलावती लगभग 02 दिन पूर्व चली गयी है। घटनास्थल की छानबीन किये जाने पर मकान में निचले तले में (गोठ) में खाना बनाने में प्रयोग किया जा रहा था। उपर जिस कमरे में शव पड़ा हुआ था उसके दरवाजे के बगल में एक अन्य कमरे का दरवाजा था, जिसमें ताला लगा हुआ था। उक्त बंद कमरे का ताला तोड़कर देखा गया तो उक्त कमरे में भी 02 शव एक चारपाई पर तथा दूसरा जमीन पर लगे बिस्तरे में पड़ा पाया गया। उक्त शवों के गले केा भी रेता गया था। एक शव के चेहरे पर चोट के निशान थे तथा उसका गुप्तांग काटा गया था। दूसरे शव के गुप्तांग केा भी काटने का प्रयास किया गया था। घटना स्थल से तीन शवों के बरामद होने तथा इस तिहरे हत्याकांड में अन्यंत निर्दयता से हत्या किये जाने के दृष्टिगत तत्काल डॉग स्कवॉड केा घटनास्थल पर बुलाते हुए छानबीन प्रारम्भ की गयी। मकान में निवासरत व्यक्तियेां केा नेपाल देश से जुड़े हेाने के कारण सीमा क्षेत्र से नेपाल को जाने वाले समस्त मार्गो पर नियुक्त पुलिस तथा सीमा सुरक्षा बल केा अलर्ट करते हुए सघन तलाशी अभियान चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
शवों की सिनाख्त हेतु आस-पास के गाँव के लोग तथा क्षेत्र में कार्य कर रहे नेपाली मजदूरों केा बुलाया गया तो सिर्फ एक शव की शिनाख्त काशी बोरा उर्फ बली निवासी धनगड़ी नेपाल के रूप में हुई। अन्य दो शवों की शिनाख्त न हो पाने, रात्रि अधिक होने के कारण घटनास्थल पर उक्त दोनों कमरों में ताला लगाकर पुलिस ड्यूटी नियुक्त की गयी। एसओजी तथा अन्य पुलिस बल केा रात्रि में आसपास के क्षेत्र में सुरागरसी-पतारसी हेतु रवाना करते हुए शेष 02 शवों की शिनाख्त तथा हत्यारोपी की जानकारी किये जाने हेतु रवाना किया गया।
दिनांक 27.10.2019 की प्रातः घटनास्थल के आस-पास के क्षेत्र में काम्बिंग अभियान चलाया गया तथा फॉरेसिंक टीम, डॉग स्क्वड व उच्चाधिकारियों द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य संकलन का कार्य किया गया। 02 अज्ञात शवों की शिनाख्त हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे नेपाली मजूदरों केा बुलाकर शिनाख्त कराये जाने पर शवों की शिनाख्त क्रमशः हरीश बोरा एवं उसके भाई बीर बहुादर उर्फ बिरूवा बोरा के रूप में हुई। पुलिस/फॉरेसिंक टीम द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य संकलन का कार्य करते हुए शवों का पंचायतनामा भरा गया तथा पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया। दिनांक 27.10.2019 केा हत्यांकाड के खुलासे हेतु एसओजी, एलआईयू तथा नागरिक पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियेां केा सम्मिलित करते हुए 02 टीमें गठित की गयी।
पतारसी-सुरागरसी/छानबीन के दौरान दिनांक 28.10.19 जानकारी में आया कि जनपद मुख्यालय पिथौरागढ़ के धर्मशाला लाईन स्थित जागरी होटल में नेपाली नागरिक आते-जाते ठहरते तथा खाना खाते है। होटल में छानबीन किये जाने पर दिनांक 25.10.19 केा चर्मा, नाचनी तथा मुनस्यारी से कुछ नेपाली नागरिक आकर ठहरे थे। यह भी जानकारी में आया कि हत्याकांड में एक मृतक बीर बहादुर उर्फ बिरूवा भी 3-4 लोगों के साथ आया था जिनमें से 01 व्यक्ति के बीमार होने के कारण 02 लोग अगले दिन नेपाल केा चले गये तथा 01 नेपाली मजदूर ठेकेदार से मिलने के उपरांत नाचनी को वापस चला गया। एसओजी पिथौरागढ़ केा जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त होटल के पास बीर बहादुर उर्फ बिरूवा की मुलाकात उसी के गाँव के एक नेपाली व्यक्ति धन बहादुर बोरा उर्फ धनै बोरा उर्फ धनुवा जो कि 1-2 दिन पूर्व मुनस्यारी से पिथौरागढ़ आया था, के साथ हुई। मृतक बिरूआ केा धन बहादुर के साथ देखे जाने की जानकारी पर उ0नि0 प्रकाश मेहरा एवं उ0नि0 हेम तिवारी के नेतृत्व में एसओजी टीम द्वारा धर्मशाला लाईन से टैक्सी स्टेंड तथा घटनास्थल तक के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये। फुटेज में मृतक तथा धन बहादुर केा एक साथ देखा गया। जानकारी में आया कि दिनांक 25.10.19 का उक्त दोनों एक टैक्सी से मड़खड़ायत तक गये। टैक्सी चालक का पता लगाकर पहचान कराये जाने पर टैक्सी चालक द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों वही व्यक्ति है जिन्हें उसने मड़-खड़ायत तक छोड़ा था। इस जानकारी पर धन बहादुर को जानने वालों से उसका मोबाईल नंबर पता किया गया जिसकी लोकेशन मुनस्यारी के आस-पास पायी गयी।
दिनांक 28.10.19 की रात्रि में एक टीम मुनस्यारी भेजी गयी। टीम को जानकारी मिली की धन बोरा उक्त दिनांक 26/27.10.19 मुनस्यारी में देखा गया था, जो नेपाल जाने हेतु वहां से निकल गया है। नेपाल भागने की संभावना पर टीम द्वारा मुनस्यारी से लेकर नाचनी पिथौरागढ़ तक के सारे नेपाली मजदूरों के ठिकानेां/ठेकेदारों व टैक्सी चालकों से पूछताछ व छानबीन की गयी। आज दिनांक 30.10.2019 केा थल-पिथौरागढ़ रोड में नागर तिराहे के पास से धन बहादुर को वाहन का इंतजार करते गिरफ्तार कर लिया गया। इसके पास से मौजूद बैग में से खून लगी धुली हुई पेंट कमीज व चप्पल आदि बरामद हुई तथा इसके द्वारा उक्त तीनेां व्यक्तियों के हत्या किये जाने की बात स्वीकार की गयी।
पूछताछ में अभियुक्त द्वारा दी गयी जानकारीः-
धन बहादुर बोरा उर्फ धनै बोरा उर्फ धनुवा से की गयी पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि मैं दिनांक 22.10.19 को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ आया था। 22.10.19 को में अपने रिश्ते के जीजा फगुवा बोरा के वहां सत्कार होटल के पास रूका था। 23 एवं 24.10.19 केा जागरी होटल धर्मशाला लाईन में रूका। दिनांक 25.10.19 की सांय मेरी मुलाकाल मेरे गांव के चाचा बीर बहादुर उर्फ बिरूआ के साथ जागरी होटल के पास हुई। उसके द्वारा कहा गया कि मेरा भाई हरीश बोरा मड़-खड़ायत में रहता है। रात केा रूकने के लिये वही चलते है। वही पर खायेंगे-पियेंगे। इस पर हमने बाजार से मीट व शराब आदि खरीदा और लाशघर रोड के पास टैक्सी स्टेंड से बिरूआ ने 200 रूपये में मड़-खड़ायत के लिये एक कमांडर जीप बुक की और हम करीब 0530 बजे चले। मड़ खडायत से मड़धुरा (घटनास्थल) को पैदल जाते समय हम दोनों से शराब पी। मड़धुरा पहुंचकर कमरे में काशी बोरा व हरीश बोरा मिले किन्तु कलावती (चाची) वहां नही थी। फिर हमने मिलकर मीट बनाना प्रारम्भ किया। इस दौरान हमने शराब पी। शराब कम होने के कारण काशी बोरा आसपास से शराब लेने की लिये चला गया। इस दौरान मीट बनाते हुए मैने अपने चाचा हरीश बोरा से कहा कि चाची कहां चली गयी। हरीश ने बताया कि मैने उसे पैसे दिये थे वो नेपाल चली गयी है और उसका फोन भी नही लग रहा है। इसपर मैने कहां कि तमने ऐसी औरत क्यों रखी है जो बार-बार भाग जाती है। पहले भी माघ में दिल्ली भाग गयी थी। औरत पर तुम्हारा कंट्रोल नही और तुम्हारे बस का कुछ नही है और कितनी औरतें रखेगा। इस बात पर हरीश को गुस्सा आ गया तथा हमारा वाद-विवाद होने लगा। इसी दैारान काशी बोरा भी शराब लेकर आ गया। काशी बोरा, कलावती का दूर का रिश्तेदार लगता है जिससे वह बोला कि तू कौन होता है यह सब बोलने वाला तथा मुझे थप्पड़ व लात-घूंसे मारे। हरीश ने भी मेरे साथ मारपीट की, माँ-बहन की गंदी-गंदी गालियां दी तथा कहां कि बड़ा आया मीट खाने वाला हमारा …………. (प्राईवेट पार्ट) खा ले। जिस पर मुझे भी गुस्सा आ गया। बीर बहादुर उर्फ बिरूआ चाचा ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया। उसके बाद हमने किचन में (गोठ का कमरा) फिर दारू पी तथा मीट खाने लगे। खाने के दौरान नशे में काशी बोरा ने मेरे साथ फिर गाली-गलौच शुरू कर दी तथा तवा उठाकर मुझे मारने का प्रयास किया। बिरूआ मुझे लेकर उपर के कमरे में आ गया जहां पर बिरूआ चारपाई में बैठ गया और में वहीं कमरे में नीचे बैठकर बीड़ी पीने लगा। हरीश बोरा भी बड़बड़ाता/गाली करता हुआ उसी कमरे में आ गया तथा चारपाई पर बैठ गया। इसी दौरान बिरूआ लघुशंका हेतु बाहर चला गया। हरीश बेारा से मेरा फिर से विवाद हुआ तो उसने मुझे मारने के लिये कमरे में रखी दरांती उठा ली। इस पर मैने वहीं पर पड़े सिलबट्टे को उठाकर हरीश के सिर में 02 बार मारा जिससे वह वही बिस्तर पर गिरकर तड़फने लगा। आवाज सुनकर नीचे किचन के कमरे से काशी बोरा तवा लेकर आ गया और कमरे के दरवाजे के पास से मुझे तवे से मारने की कोशिश की किन्तु तवे का हेंडल उखड़ गया और तवा वहीं दरवाजे के बाहर गिर गया। मैने उसी सिलबट्टे से काशी बोरा के मुंह पर लगातार वार करते हुए उसे सामने के दूसरे कमरे की ओर धक्का दे दिया। काशी दूसरे कमरे की चारपाई पर गिरकर तड़़फने लगा। इसी दौरान बिरूआ लघुशंका से वापस आ गया। वहां के हालात देखकर वह चिल्लाया और हरीश बोरा वाले कमरे में पड़ी दराती उठाकर मेरी ओर आया तो मैने हाथ में पकड़ा सिलबट्टा फैंककर उसे मारा जिससे वह उस कमरे में नीचे लगे बिस्तरे पर गिर गया मैने उसके हाथ से दरांती छीनकर उस पर वार कर दिया। तीनेां लोग तड़फ रहे थे। इसके बाद मैने नीचे किचन में जाकर थोड़ी शराब पी। शराब पीने के बाद में गुस्से में फिर उपर आया और तीनों पर दरांती, चाकू और तवे से कई वार किये और दरांती से उनके गुप्तांग काट दिये। हरीश बोरा के गले से खून का फव्वारा निकल रहा था तो मैने खून से अपने को बचाने के लिये वही पर पड़ा पीला कपड़ा उसके गले में लपेट दिया। तीनों को मैने उनके बिस्तरों पर ही कंबल आदि से ढ़क दिया। मैने वहां से मिले मोबाईल, अपनी खून लगी जैकेट, टोपी और एक कंबल केा किचन में ले जाकर जला दिया। आग सेंकते हुए मैने बची हुई शराब भी पी ली। मैं डर गया था। मैने उपर कमरे में जिसमें हरीश और बिरूआ दोनों पड़े थे उसके बाहर से ताला लगाकर और दूसरे कमरे में कुंडा लगाकर खुला ताला लटका दिया। उसके बाद में रात में ही मड़-खड़ायत की ओर पैदल चल पड़ा। रास्ते में मैने चाबी फेंक दी। रास्ते में 2-3 घंटा छिपे रहा और प्रातः हल्का उलाजा हेाने पर पैदल रई पुल के पास पहुंचा जहां से मैने मुनस्यारी के लिये जीप पकड़ी। पकड़े जाने के डर से मैं नेपाल भागना चाह रहा था। गाड़ी बदल-बदल कर आ रहा था तो थल से पिथौरागढ़ के बीच में पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।
उपरोक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त तवा, दराती चाकू आदि बरामद किये गये। प्रकरण में कलावती की संलिप्तता की संभावना के दृष्टिगत एक टीम नेपाल पुसिल से संपर्क हेतु भेजी गयी थी। नेपाल पुलिस द्वारा कलावती को बुलाकर जनपद पुलिस को सूचना दी गयी। आज दिनांक 30.10.19 को कलावती से की गयी पूछताछ के दौरान कलावती द्वारा बताया गया कि वह अपने बच्चों के लेने के लिये दिनांक 25.10.19 की सुबह नेपाल चली गयी थी। जब उसकेा घटना की जानकारी मिली तो वह वापस आ रही थी तो उसकेा नेपाल पुलिस उसे बुलाकर बैतड़ी में ही रोक लिया गया। पूछताछ से कलावती का घटना में सम्मिलित होना प्रकाश में नही आया है।
शामिल अधिकारी/कर्मचारीगणों की सूचीः-
1- श्री राजन सिंह रौतेला पुलिस उपाधीक्षक पिथौरागढ़। (नेतृत्व)
2- कमल कुमार पाठक निरीक्षक एलआईयू पिथौरागढ़।
3- पी0आर0 आगरी, थानाध्यक्ष जाजरदेवल।
4- प्रताप सिंह नेगी, थानाध्यक्ष थल।
5- प्रकाश मेहरा प्रभारी एस0ओ0जी0।
6- हेम तिवारी उ0नि0 एस0ओ0जी0 पिथौरागढ़।
7- महेश चन्द्र थानाध्यक्ष झूलाघाट।
8- किशोर पंत, उ0नि0 चैकी प्रभारी वड्डा।
9- कंचन पड़लिया, उ0नि0 थाना झूलाघाट।
10- जसवीर सिंह उ0नि0थाना जाजरदेवल।
11- कानि0 संदीप चंद एसओजी पिथौरागढ़।
12- कानि0 भुवन पांडे एसओजी पिथौरागढ़।
13- कानि0 मनीष कुमार एसओजी पिथौरागढ़।
14- कानि0 अशेाक बुदियाल एसओजी पिथौरागढ़।
15- कानि0 बलवंत वल्दिया एसओजी पिथौरागढ़।
16- कानि0 अशेाक बुदियाल एसओजी पिथौरागढ़।
17- कानि0 अरविंद, सर्विलांस टीम पिथौरागढ़।
18- कानि0 गोविन्द वर्मा थाना जाजरदेवल।
19- कानि0 पंकज भंडारी थाना जाजरदेवल।
20- कानि0 सुरेन्द्र सिंह थाना जाजरदेवल।
21- कानि0 मनेाज सिंह थाना जाजरदेवल।
22- कानि0 राजेन्द्र कुमार थाना जाजरदेवल।
23- कानि0 गोकूलानंद जोशी थाना जाजरदेवल।
24- कानि0 नैन सिंह थाना जाजरदेवल।
25- कानि0 ब्रिजेश जोशी, मीडिया सैल, पिथौरागढ़।
26- कानि0 किशन राम लोहिया, एलआईयू पिथौरागढ़।
27- कानि0 बलवंत रावत एलआईयू पिथौरागढ़।
28- मु0आ0(वि0श्रे0)कैलाश कापड़ी एलआईयू पिथौरागढ़।