सोसायटी फॉर ट्रैकिंग एंड एनवायरमेंटल प्रेजरवेशन की टीम ने चमोली जनपद में वह कारनामा करके दिखाया है जो आज तक किसी ने करके नहीं दिखाया इस सोसाइटी के 26 सदस्य दलों ने चेनाप घाटी से लेकर बद्रीनाथ धाम तक का पैदल ट्रैकिंग मार्ग खोज निकाला है इस दल में 17 स्थानीय लोग शामिल हैं और 9 लोग देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए हैं
इस दल के लीडर सोमनाथ पाल ने बताया कि यात्रा जोशीमठ से चांई गांव से थैंग गांव, धार खर्क, चेनाप घाटी, फुलाणा, पूना बांक-ब्रुश खाल ४६६० मीटर-मतपटा सेम, मतपटा खर्क, बरमाई, कांजिला, छेदार – नीलकंठ खाल ४५७३ मीटर-दुमखाल खर्क, बद्रीनाथ पूरी की जिसमें काफी कठिन परिश्रम भी करना पड़ा कहीं-कहीं पर नदियों के ऊपर पुल बनाकर ट्रैकिंग भी करनी पड़ी
इस दल की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें कुछ लोग 50 साल से भी अधिक उम्र के लोग शामिल हुए और सफलतापूर्वक नए ट्रैकिंग मार्ग को खोज निकाला मीलों पैदल चलने पर इन लोगों को चेनाप घाटी से लेकर बद्रीनाथ तक पहुंचने में 12 दिन ट्रैकिंग रूट है इस पूरे रास्ते को पैदल ही पार करना पड़ता है लेकिन इस पूरी घाटी को देखकर पर्यटक और ट्रैकर्स काफी खुश दिखाई दे रहे हैं
लक्ष्मण सिंह ने बताया कि ,उत्तराखंड,, केरल,गुजरा, पुणे,मुंब, आगरा आदि जगहों के ट्रैकिंग शौकीन लोग इस रास्ते की खोज में दिल्ली से निकले थे जिन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से इस रास्ते को खोज निकाला इस रास्ते पर फूलों की घाटी के जैसे ही सुंदर फूल जैसे,ब्रह्म कंवल, फेन कंवल, सहित फूलों की प्रजाति और अनेक औषधीय गुणों वाले पौधे जैसे अतीश, पंजा, कुटकी, लाल जड़ी, धूप टग्गर, मांसी, गुगल इत्यादि। औषधियां भी दिखाई दी जो की अति दुर्लभ बताई जाती है
भविष्य में अगर इस ट्रैकिंग रास्ते को और बेहतर बनाया जाए तो चमोली जिले का सबसे बड़ा ट्रैकिंग रूट भविष्य में पर्यटन के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा बस अब वन विभाग और पर्यटन विभाग को मिलकर इस कार्य करने की आवश्यकता है ताकि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की संख्या में और इजाफा हो सके इस पूरे दल
सोमनाथ पाल, लीडर
सुषमा सिंह, कर्नाटक,
पी एस भंडारी, उत्तराखंड,
सरिता पिल्लई, केरल,
अमरशी धरीजा, डॉ दीपक जोशी, गुजरात,
भारती केलकर, पुणे,
अनिल मोहिते, मुंबई,
राहुल वासन, आगरा आदि मौजूद रहे