मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को वीसी के माध्यम से सभी जनपदों में मानसून सत्र के दौरान आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यो की समीक्षा की। कहा कि जनपदों में घटित आपदाओं के उपरांत जिस तरह से अधिकारियों ने त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किए है, वो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह त्वरित कार्यवाही करें।
सीएम ने आपदा में क्षतिग्रस्त सभी सड़कों को यातायात के लिए जल्द से जल्द सुचारू करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश के कई जिलों में फैले डेगू की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने चमोली, उत्तराकाशी व अन्य सभी जनपदों में भी घटित आपदाओं के उपरांत अधिकारियों द्वारा संचालित त्वरित राहत एवं बचाव कार्यो की सराहना करते हुए आगे भी इसी तरह कार्य करने की बात की। उन्होंने सभी डीएम को सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक इस्तेमाल को भी पूरी तरह से बंद कराने के निर्देश दिए।
वीसी में आपदा सचिव अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों को आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के प्रस्ताव 30 सिंतबर तक शासन को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने आपदा के दौरान त्वरित राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के लिए सभी गांवों में महिला एवं युवक मंगल दलों को सक्रिय करने तथा प्रत्येक गांव में आपदा मित्र बनाने को कहा।
वीसी में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जिले में आपदा के कारण 17 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 8 व्यक्ति घायल तथा एक बच्ची लापता है। आपदा से 45 आवासीय भवन पूर्ण व 82 भवन आंशिक क्षतिगस्त हुए है तथा 42 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई है। आपदा से जिले में 32 बडे तथा 40 छोटे मवेशियों की मृत्यु हुई है। आपदा के दौरान जिले में 4.68 हैक्टियर कृषि भूमि भी क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने बताया कि आपदा में हुए नुकसान के लिए प्रभावितों में 122.78 लाख अहेतुक सहायता राशि वितरित की जा चुकी है तथा तत्कालिक रूप से सभी प्रभावित परिवारों में खाद्य सामग्री एवं अन्य राहत सामग्री भी वितरित की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान सभी विभागों की क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों को मिलाकर 4031.80 लाख का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि विभागों की क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुर्ननिर्माण हेतु अभी तक 441.70 लाख धनराशि जिला स्तर से अवमुक्त की जा चुकी है। बताया कि जिले में जल संस्थान व जल निगम की 117 योजनाएं तथा विद्युत विभाग की 116 बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हुए थे, जिनको सुचारू किया जा चुका है। आपदा से जिले में 109 सड़के क्षतिग्रस्त हुई है, जिसमें से 101 सड़कों को यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया है। पोखरी तथा रोपा में क्षतिग्रस्त मोटर पुल एसडीआरएफ के नाॅर्म में कवर न होने के कारण इनके प्रस्ताव शासन को प्रेषित किए जा रहे है।
वीसी में पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे, डीएफओ अमित कंवर, सीएमओ डा0 अनूप कुमार डिमरी, सीटीओ बीरेन्द्र कुमार, एसई जीसी आर्या सहित सड़क, पेयजल, विद्युत, सिंचाई, कृषि, उद्यान आदि संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।