रविवार दोपहर तक 03, जबकि शाम को चौथे श्रमिक के शव मिलने के साथ टूटी जिंदगी की आखिरी उम्मीद

28 फरवरी शुक्रवार को बदरीनाथ क्षेत्र में माणा के पास एवलांच (हिमस्खलन) की चपेट में आने के बाद से रविवार सुबह तक लापता चल रहे 04 श्रमिकों की जिंदगी बचाने की उम्मीद टूट चुकी है। चारों लापता श्रमिकों के शव अथक प्रयास के बाद बर्फ से निकाल लिए गए हैं।

इस तरह मरने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़कर 08 हो गई है। एवलांच की चपेट में बीआरओ के कुल 54 श्रमिक आए थे। 46 श्रमिकों को रेस्क्यू कर लिया गया था, जबकि 04 की मौत की पुष्टि एक दिन पहले शनिवार देर शाम तक जा चुकी थी।

आपदा प्रबंधन सचिव वीके सुमन के अनुसार एवलांच की चपेट में आने के बाद रेस्क्यू किए गए 46 श्रमिकों में से 24 श्रमिकों को माणा स्थित सेना के हॉस्पिटल से जोशीमठ लाया गया है। यहां सेना के अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा है। हालांकि, 02 श्रमिकों की स्थिति गंभीर होने से उन्हें उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।

दूसरी तरफ लापता चल रहे श्रमिकों की खोज के लिए एसडीआरएफ ने रविवार को विक्टिम लोकेटिंग कैमरे की मदद की। साथ ही अभियान में ग्राउंड पैनेट्रेटिंग रडार (जमीन के नीचे की छवियों को देखने के लिए) सहारा भी लिया गया। हालांकि, जगह-जगह कई फीट तक जमा बर्फ और अधिक समय बीत जाने के साथ लापता श्रमिकों के जिंदा बचने की उम्मीद धूमिल होती जा रही थी।

इसी आशंका के बीच रविवार दोपहर को पहले यह बात सामने आई कि 03 और श्रमिकों के शव मिले हैं। ऐसे में शेष बचे 01 और लापता श्रमिक की जिंदगी की सलामती के लिए प्रार्थना के हाथ भी उठने लगे थे। यह उम्मीद भी शाम तक शव बरामदगी के साथ धूमिल हो गई।

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