चमोली जनपद में एक गांव ऐसा है जहां मानवता और इंसानियत खत्म हो चुकी है नीति घाटी के सुखी गांव में प्रताप सिंह का परिवार आज भी सरकारी भवन पर निवास कर रहा हैं।
मामला यह है कि चमोली जनपद 2017 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लेकिन प्रताप सिंह आज भी बिना मकान और बिना शौचालय के गांव में निवास कर रहा है इसके पीछे कारण यह है कि प्रताप सिंह का परिवार मानसिक रूप से विछिपत बताया जा रहा है । जिसको आज तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है । यहां समाज और जनप्रतिनिधि इसलिए दोषी हैं कि प्रताप सिंह की स्थिति का आज तक किसी ने सामना नहीं किया लोगों ने वोटर लिस्ट में प्रताप सिंह का नाम दर्ज तो करा दिया लेकिन उसे सरकारी योजनाओं से दूर ही रखा यही नहीं बीपीएल परिवार से भी गई गुजरी स्थिति होने के बाद भी सरकार के नुमाइंदों ने प्रताप सिंह का राशन कार्ड एपीएल बना दिया यानी कि प्रताप सिंह को गांव में सबसे बड़ा सेट बनाने में किसी ने भी लिहाज़ नहीं किया जबकि उसकी स्थिति से सभी लोग रूबरू हैं

मामला प्रकाश मैं आने पर प्रशासन में खलबली मच चुकी है वही जोशीमठ के खंड विकास बीएल साह का कहना है कि उनकी मदद के लिए आज तक किसी ने भी गांव में हाथ आगे नहीं बढ़ाया क्योंकि प्रताप सिंह और उनका परिवार मानसिक रूप से बीमार है जिसकी वजह से प्रताप सिंह को आज तक आवासीय मकान और शौचालय उपलब्ध नहीं हो पाए हैं मीडिया में खबर आने के बाद अब खंड विकास अधिकारी बीएल शाह का कहना है कि अगर कोई भी उनको मकान बनाने में मदद करें तो विभाग उनके लिए हर सुविधा मुहैया कराने के लिए राजी है

सवाल यह है कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि किसी भी व्यक्ति को फायदा तो पहुंचा सकता है लेकिन जब गरीबी की बात आती है तो ऐसे ही कई प्रताप सिंह आज भी अपनी बेबसी और लाचारी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है सरकारी तंत्र हो या प्रशासनिक तंत्र ऐसे लोगों की मदद के लिए कभी आगे नहीं आते जिन्हें सही मायनों में किसी भी योजना की आवश्यकता होती है

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