राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्र गोपेश्वर में 35 महिला एवं पुरूषों को उद्यमिता विकास एवं आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण के तहत सात दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया। उद्यान विभाग के तत्वाधान में जिला योजना के तहत संचालित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जेम, जैली, जूस, अचार, चटनी, मुरब्बा, शाॅस और सूक्ष्म उद्यम स्थापना का प्रशिक्षण दिया गया। बुधवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण पूरा करने पर बधाई देते हुए प्रमाण पत्र वितरित किए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 33 महिला एवं 03 पुरूषों ने सात दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण लिया।

जिलाधिकारी ने महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण के तहत दिए गए प्रशिक्षण का लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने महिलाओं को फलों से जूस, मुरब्बा, जैली, अचार आदि उत्पाद तैयार करने के लिए अपने क्षेत्र में छोटी-छोटी यूनिट स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि ऐसी यूनिटों की स्थापना से महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिकी भी मजबूत होगी।

जिलाधिकारी ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा तथा उपयोग हेतु प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता एवं पोषकता पर भी ध्यान देने की बात कही। कहा कि उत्पादों की अच्छी पैकेजिंग और ब्रान्डिंग की जानी भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्पादों के विपणन के लिए प्रसंस्करण केन्द्र में आॅउटलेट तथा मार्केट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि उत्पादों को मार्केट उपलब्ध होने पर अच्छा लाभ मिल सके। उन्होंने फल संरक्षण अधिकारी को प्रसंस्करण केन्द्र में पैकेजिंग यूनिट स्थापित करने, प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं की नियमित माॅनिटरिंग करने, जिले में किसी नजदीकी फूड प्रोसेसिंग यूनिटों का भ्रमण कराने एवं समय-सयम पर उनको आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। इस दौरान डीएम ने राजकीय फल संरक्षण केन्द्र में आउटलेट की स्थापना एवं अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।

मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने महिलाओं को समूह बनाकर कार्य करने पर जोर दिया। कहा कि इससे महिलाओं को और अधिक फायदा मिलेगा। कहा कि समूह के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए उद्योग विभाग के माध्यम से आसान शर्तो पर ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है। मुख्य उद्यान अधिकारी नेरेन्द्र यादव ने फलों एवं सब्जियों से विभिन्न तरह के जूस, अचार, मुरब्बा, जैली, चटनी आदि उत्पाद तैयार करने एवं उनके विपणन के संबध में जानकारी दी। कहा कि महिलाए उद्यान एवं रेखीय विभागों से सहयोग लेकर अच्छी आजीविका अर्जित कर सकते है।

जीएम डीआईसी डा0 एमएस सजवाण ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना के लिए ऋण सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि समूहों को यूनिट स्थापना के लिए 40 प्रतिशत तक छूट एवं 20 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है और केवल ऋण राशि का 40 प्रतिशत ही बैंकों को लौटाना होता है। उन्होंने कहा कि महिलाए पीएमईजीपी तथा एमएसएमई के तहत बैंको से ऋण लेने के लिए अपने नजदीकी काॅमन सर्विस सेन्टर से आॅनलाइन आवेदन कर सकती है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्रशिक्षक/अपर खाद्य प्रसंस्करण अधिकारी रमेश चन्द्र जोशी सहित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी महिलाएं व पुरूष मौजूद थे।

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