खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन विवाद में शुक्रवार सुबह एक नया मोड़ आया है। पुलिस ने विधायक को डोईवाला पुलिस ने लच्छीवाला टोल प्लाजा से हिरासत में लिया है। वह खानपुर में प्रस्तावित सर्वसमाज की महापंचायत में भाग लेने खानपुर जा रहे थे। पुलिस एहतियात के तहत उठाए गए कदम के साथ विधायक को डोईवाला कोतवाली लाई है। इस दौरान विधायक उमेश ने महापंचायत में पहुंच रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
इससे पहले चैंपियन के समर्थन में गुर्जर समाज के लोग 29 जनवरी को लक्सर में महापंचायत स्थगित होने के बाद भी लंढौरा के रंग महल पहुंच गए थे। वहां भारी भीड़ जुटी थी, जो उमेश के विरोध में आक्रोशित थी। अब खानपुर में विधायक के पक्ष में सर्वसमाज की महापंचायत में भारी भीड़ जुटने का अनुमान है। पुलिस इसको लेकर हाईअलर्ट में है। इसी कारण विधायक को बीच रास्ते में ही रोक लिया गया।
दरअसल, उमेश और चैंपियन के बीच विवाद तब सतह पर आ गया था, जब 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर चैंपियन दल-बल के साथ खानपुर विधायक के आवास/कैंप कार्यालय पर धमके और कई राउंड की फायरिंग कर दी। इस दौरान चैंपियन और उनके समर्थकों ने भद्दे शब्दों का भी प्रयोग किया। इस कांड को अंजाम देने के बाद देहरादून लौटते समय नेहरू कालोनी पुलिस ने चैंपियन को गिरफ्तार कर रुड़की पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। दूसरी तरफ गोलीबारी के बाद कैंप कार्यालय पहुंचे विधायक उमेश गुस्से में हाथ मे पिस्टल लिए बाहर निकलते देखे गए, जिन्हें पुलिस और कार्यकर्ताओं ने किसी तरह काबू किया। दोनों घटनाओं के वीडियो भी सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया पर खूब वायरल हुए।
तब यह बात भी सामने आई कि चैंपियन ने विधायक उमेश की मां को टारगेट करते हुए भद्दे शब्दों का प्रयोग किया था। जिस पर 25 जनवरी को उमेश अपने कार्यकर्ताओं के साथ चैंपियन के महल पहुंचे थे। यहां उमेश ने चैंपियन को ललकारा और अपना गुस्सा उतारा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। लिहाजा, पुलिस ने इस मामले में चैंपियन की पत्नी देवयानी की तहरीर पर न सिर्फ मुकदमा कायम किया, बल्कि 26 जनवरी की ही रात को विधायक उमेश को भी गिरफ्तार कर लिया।
यहां तक भी मामला दोनों तक सीमित था। लेकिन, जब 27 जनवरी को सीजेएम कोर्ट से चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया और उमेश को बेल मिल गई तो चैंपियन समर्थक भड़क उठे। इसी के बाद पहले गुर्जर समाज की एकजुटता और उमेश के विरोध का ज्वार उठा। जो बुधवार 29 जनवरी को लंढौरा कूच के रूप में सामने आया। इसके बाद अब खानपुर में विधायक उमेश के समर्थन में महापंचायत को लेकर पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए हैं।