एआई से होगी आखों की जांच, दिल्ली एम्स के प्रोजेक्ट में दून अस्पताल हुआ शामिल

आखों में डायबिटिक रेटिनोपैथी रोग की पहचान के लिए दिल्ली एम्स की ओर से शोध प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।

एम्स दिल्ली के एआई आधारित नेत्र जांच के शोध प्रोजेक्ट में दून अस्पताल को शामिल किया गया है। दिल्ली एम्स की एआई स्वास्थ्य विभाग की टीम बृहस्पतिवार को दून अस्पताल पहुंची। टीम ने नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को नेत्र जांच के एआई मॉड्यूल के बारे में बताया।

आखों में डायबिटिक रेटिनोपैथी रोग की पहचान के लिए दिल्ली एम्स की ओर से शोध प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। इसमें ऋषिकेश एम्स और वाधवानी एआई संस्थान के नेत्र रोग विभाग के कई चिकित्सक काम कर रहे हैं। अब इसमें दून अस्पताल को भी शामिल किया गया है। एआई की टीम ने बृहस्पतिवार को दून अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी दिया है।

दून अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शांति पांडेय ने बताया कि दून अस्पताल इस शोध प्रोजेक्ट में शामिल होने वाला चौथा संस्थान बन गया है। आने वाले दिनों में पीजीआई चंडीगढ़ समेत कई संस्थानों को इसमें शामिल किया जाएगा।

मधुमेह के मरीजों की एआई से होगी रेटिनोपैथी की पहचान
दून अस्पताल के रेटीना विशेषज्ञ डॉ. नीरज सारस्वत ने बताया कि एआई आधारित यह शोध अगर सफल होता है तो इसकी मदद से एक साथ 50 से भी अधिक मरीजों की डायबिटिक रेटिनोपैथी की जांच की जा सकेगी। यह तकनीक पर्वतीय क्षेत्रों में मौजूद ग्रामीण और पिछड़े हुए क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए काफी मददगार होगी। इससे एक बार में कई मरीजों को एकत्रित कर फंडस कैमरा से आंखों की फोटो खींची जाएगी। इसके बाद फाेटो को एआई सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इससे कम समय में अधिक मरीजों की जांच की जा सकेगी।

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