*कबूतर बाजों पर कार्रवाई का असर*

*खबर पढ़कर दून पुलिस के पास पहुँचने लगे ठगी के शिकार लोग*

*विदेश भेजने के नाम पर ठगी का शिकार हुए 02 अन्य युवकों ने पुलिस को दी अपनी शिकायत*

*अभियुक्तों द्वारा नेपाल से आये लोगो से भी की गई थी ठगी*

*उत्तराखंड ही नहीं नेपाल के दर्जनों लोगों को भी कबूतरबाजी के जाल में फंसाया*

*कंसल्टेंसी फर्म के ऑफिस की छापेमारी में पुलिस को मिले नेपाली नागरिकों के पासपोर्ट, ब्लैंक चैक तथा फर्जी ऑफर लेटर हुए थे बरामद*

*ऑफिस से जब्त किए गए रजिस्टर से अब तक 40 से अधिक नेपाली नागरिकों को फर्जी जॉब ऑफर लेटर देकर विदेश भेजे जाने की मिली जानकारी*

*एसएसपी देहरादून के आदेश पर हो रहे शिकायतों पर और मुक़दमे दर्ज*

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर दून पुलिस द्वारा पटेल नगर क्षेत्र में स्थित वर्क एब्रॉड कंसलटेंसी फर्म के विरुद्ध लोगों को फर्जी जॉब ऑफर लेटर देकर विदेश भेजने के मामले में फर्म के संचालक अंकुल सैनी उसकी पत्नी तराना सैनी व 02 अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया था। वर्क अब्रॉड कंसल्टेंसी फर्म के ऑफिस में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस को ऑफिस से लगभग 68 पासपोर्ट, ब्लैंक चैक तथा फर्जी जॉब लेटर प्राप्त हुए थे, जिनका अवलोकन करने पर उनमें से 03 पासपोर्ट, 03 ब्लैंक चेक तथा 06 फर्जी जॉब ऑफर लेटर नेपाली मूल के लोगो के मिले, ऑफिस से कब्जे में लिए गए रजिस्टरों से अभियुक्त द्वारा 40 से अधिक नेपाली नागरिकों को विदेश भेजे जाने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

कंसल्टेंसी फर्म के विरुद्ध हुई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मिलने पर आज दिनांक 06/10/2024 को 02 और पीड़ित युवकों अमित नौटियाल पुत्र योगेश्वर नौटियाल निवासी नैनबाग, टिहरी तथा मनदीप सिंह पुत्र सूरत सिंह निवासी उत्तरकाशी द्वारा चौकी आईएसबीटी पर प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वर्क एब्रॉड कंसलटेंसी फर्म के संचालक अंकुल सैनी तथा उनकी पत्नी तराना सैनी द्वारा उन्हें पोलैंड तथा कनाडा भेजने के नाम से उनसे 7.50 लाख रुपए तथा 2,34,000/- ₹ लिए गए थे, पर उनके द्वारा अभी तक न तो उन्हें कोई जॉब ऑफर लेटर दिया गया और न ही उनके पैसे वापस किए गये तथा फर्म के संचालक से संपर्क करने पर उसके द्वारा भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित युवकों द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।