इस बार बद्रीनाथ धाम में जिस तरीके से अतिक्रमण हटाया गया है उसके बाद से बद्रीनाथ के स्थानीय व्यापारियों में हड़कंप भी मचा हुआ है ।
दरअसल 6 माह की रोजी रोटी के लिए व्यापारी बद्रीनाथ धाम में अपने कच्चे एवं पक्के फर्ड लगाते हैं लेकिन इस बार कई सालों से हो रहा अतिक्रमण प्रशासन ने तोड़ दिया है अतिक्रमण की चपेट में भारत तिब्बत सीमा से लगी हुई भारत की अंतिम चाय की दुकान भी आ गई है भीम पुल पर स्थित यह दुकान कई वर्षों से माणा गांव के स्थानीय भोटिया जनजाति के लोग चलाया करते थे लेकिन प्रशासन की टीम ने इन दुकानों को ध्वस्त कर दिया है
हालांकि अभी बद्रीनाथ धाम में लोगों का आवागमन नहीं हुआ है लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि आने वाले कुछ दिनों में व्यापारी इस कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त कर सकते हैं क्योंकि हजारों लोगों की रोजी-रोटी चारों धाम की यात्रा पर टिकी हुई है प्रशासन की इस कार्य प्रणाली से लोगों में व्यापक रोष भी उत्पन्न हो सकता है
वहीं जोशीमठ के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने बताया कि काफी समय से बद्रीनाथ धाम में अतिक्रमण किया गया है जो बढ़ता ही जा रहा है इसलिए इस पर कार्यवाही करना जरुरी था

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