विधानसभा उपचुनाव बीजेपी हार गई जहाँ मंगलौर में बेहद कम वोटो से बीजेपी हारी ये उपलब्धि हो सकती हैं लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जिन्हे खुद पार्टी ने हार के बाद राज्य सभा भेजा वो अपनी सीट भी नहीं जीता सकें हाल तो ये हैं कि किसी भी राउंड में बीजेपी प्रत्याशी की जीत नहीं हुई हो सकता है बीजेपी प्रत्याशी को लेकर नाराजगी ज्यादा हो लेकिन सूत्र बताते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओ ने भी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम नहीं किया कहने वाले तो कहते हैं कि महेंद्र भट्ट भी मन से जीत के लिए नहीं जुटे ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या महेंद्र भट्ट हार की नैतिक जिम्मेदारी लेंगे और क्या प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे

तो हार के बाद बोले महेंद्र भट्ट, कहा जनादेश को हम स्वीकार करते हैं और करना भी चाहिए उनके अनुसार राजेंद्र भंडारी के आने से बीजेपी की लोकसभा में बड़ी जीत मिली उनके अनुसार मिथ्या प्रचार समेत कई मामले रहें जिसके चलते बीजेपी सीट नहीं जीत सकी व्यक्तिगत कारण भी हो सकते हैं साथ ही हमने कहा था की कांग्रेस विधायक छोड़कर आएगा तो हम उसे प्रत्याशी बनाएंगे हो सकता हैं हमारा वो फैसला गलत रहा हो लेकिन हम हार की समीक्षा कर रहें हैं

महेंद्र भट्ट ने कहा फैसला कभी गलत नहीं होता हमारी कही ना कही चूक रही होगी भविष्य में इसे ठीक करेंगे ये सीट कांग्रेस की थी और वो इसे जीतने में कामयाब रहें

वही मंगलौर के बारे में महेंद्र भट्ट ने साफ कहा की मंगलौर का चुनाव हमारे लिए अप्रत्याशीत रहता हैं हमारे कार्यकर्ताओ ने अच्छी मेहनत की हैं जहाँ हमारी जमानत नहीं बचती थी वहां हम दूसरे नंबर पर आएं हम इसको लेकर भविष्य में समीक्षा करेंगे

अध्यक्ष होने के नाते हार की नैतिक पक्ष होता और मै अपनी जिम्मेदारी लेता हूँ लेकिन मुझे समीक्षा करने का मौका मिलेगा कांग्रेस के लोग भी जानते हैं किस तरह से वो षड़यंत्र करके जीती हैं भविष्य मे हम दोनों सीटों पर परचम लहराएंगे