पेंशन धारक की मृत्यु होने पर वैध उत्तराधिकारी को एक माह के अन्दर सम्बन्धित कोषागार को अनिवार्य रूप से देनी होगी इसकी सूचना।

इस संबंध में शासन द्वारा जारी किए गये र्निदेश।

अपर सचिव वित्त डॉ इकबाल अहमद द्वारा निदेशक कोषागार एवं प्रदेश के समस्त कोषाधिकारीयों को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिए गये है कि वे अपने स्तर से राज्य सरकार के समस्त पेंशन धारकों को यह सूचना प्रेषित करना सुनिश्चित करें कि पेंशन धारक की मृत्यु होने के उपरान्त एक माह की अवधि के भीतर उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा उनकी मृत्यु की सूचना अनिवार्य रूप से सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध कराया जाय।

इस संबंध मे निदेषक कोषागार एवं हकदारी उत्तराखण्ड दिनेश चन्द लोहनी द्वारा अवगत कराया गया है कि राज्य के विभिन्न कोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों की मृत्यु होने के उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा ससमय कोषागारों में उनकी मृत्यु की सूचना प्रेषित नहीं की जा रही है, जिससे कदाचित अनावश्यक रूप से राजकीय धन का प्रेषण उक्त मृत पेंशनधारकों के बैंक खातों में होता है, जिसे कालांतर में समायोजित किया जाना पड़ता है। यह स्थिति वित्तीय अनुशासन की दृष्टि से उचित नहीं है।

उन्होने स्पष्ट किया है कि शासन के निर्देशानुसार राज्य के विभिन्न कोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशन धारक की मृत्यु होने के उपरांत एक माह की अवधि के भीतर उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा उनकी मृत्यु की सूचना अनिवार्य रूप से सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध करा दी जाय।
इस संबंध में शासन द्वारा जारी किए गये र्निदेश।

अपर सचिव वित्त डॉ इकबाल अहमद द्वारा निदेशक कोषागार एवं प्रदेश के समस्त कोषाधिकारीयों को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिए गये है कि वे अपने स्तर से राज्य सरकार के समस्त पेंशन धारकों को यह सूचना प्रेषित करना सुनिश्चित करें कि पेंशन धारक की मृत्यु होने के उपरान्त एक माह की अवधि के भीतर उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा उनकी मृत्यु की सूचना अनिवार्य रूप से सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध कराया जाय।

इस संबंध मे निदेषक कोषागार एवं हकदारी उत्तराखण्ड दिनेश चन्द लोहनी द्वारा अवगत कराया गया है कि राज्य के विभिन्न कोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों की मृत्यु होने के उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा ससमय कोषागारों में उनकी मृत्यु की सूचना प्रेषित नहीं की जा रही है, जिससे कदाचित अनावश्यक रूप से राजकीय धन का प्रेषण उक्त मृत पेंशनधारकों के बैंक खातों में होता है, जिसे कालांतर में समायोजित किया जाना पड़ता है। यह स्थिति वित्तीय अनुशासन की दृष्टि से उचित नहीं है।

उन्होने स्पष्ट किया है कि शासन के निर्देशानुसार राज्य के विभिन्न कोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशन धारक की मृत्यु होने के उपरांत एक माह की अवधि के भीतर उनके वैध उत्तराधिकारी द्वारा उनकी मृत्यु की सूचना अनिवार्य रूप से सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध करा दी जाय।