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नकल माफिया के लिए सॉफ्ट टारगेट बना उत्तराखंड

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नकल माफिया के लिए सॉफ्ट टारगेट बना उत्तराखंड, एम्स MD पेपर में पकड़े गए आरोपितों से कई चौंकाने वाली बातें आई सामने

नकल माफिया के लिए उत्तराखंड साफ्ट टारगेट बन गया है। बात चाहे पेपर लीक की हो या फिर नकल करवाने की किसी न किसी परीक्षा में नकल की बात सामने आ रही है। हालांकि कई गिरोहों को पुलिस सलाखों के पीछे डाल चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी नकल माफिया का यह धंधा फल फूल रहा है।नकल माफिया के लिए उत्तराखंड साफ्ट टारगेट बन गया है। बात चाहे पेपर लीक की हो या फिर नकल करवाने की, किसी न किसी परीक्षा में नकल की बात सामने आ रही है। हालांकि कई गिरोहों को पुलिस सलाखों के पीछे डाल चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी नकल माफिया का यह धंधा फल फूल रहा है।एम्स के एमडी पेपर में पकड़े गए दो डाक्टरों सहित पांच आरोपितों के बारे में पूछताछ में कई सनसनीखेज बातें सामने आई हैं। जानकारी मिली है कि हरियाणा के नकल माफिया ने आगामी कुछ परीक्षाओं के लिए डील की थी, हालांकि पुलिस के पास इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं, और इसकी जांच करवाई जा रही है।इससे पूर्व उत्तराखंड में हुई विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नकल की बात सामने आई थी। इनमें बीडीपीओ 2016, वन दारोगा, स्नातक स्तर परीक्षा, सचिवालय रक्षक, पुलिस दारोगा भर्ती-2015 और जेई व एई भर्ती में नकल की बात सामने आई थी। इन भर्तियों में नकल की बात सामने आने पर एसटीएफ ने जांच की थी और 60 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

नकल करवाने वालों में यूपी, राजस्थान, हरियाणा व कानपुर के माफिया शामिल थे। पुलिस दारोगा भर्ती की जांच अभी जारी है। वहीं कई आनलाइन परीक्षाओं भी नकल की बात सामने आ चुकी है।

सवालों के घेरे में ऑनलाइन परीक्षाएं
केंद्र सरकार की ओर से की जाने वाली आनलाइन परीक्षाओं में नकल के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि परीक्षा केंद्र नकल माफिया से पहले ही सांठ गांठ कर रहे हैं, और जिस सेंटर में परीक्षा आयोजित की जा रही है वहां के कंप्यूटर सिस्टम से एक्सेस प्राप्त कर नकल करवा रहे हैं। पिछले दिनों दून पुलिस ने डोईवाला में इसी तरह से एक गिरोह का पर्दाफाश किया था।

देहरादून एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, परीक्षाओं में नकल के मामले में पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है, जहां से भी परीक्षा में नकल की बात सामने आती है, वहां पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए आरोपितों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। पूर्व में भी कई नकल माफिया का पर्दाफाश किया जा चुका है।