बाइपास,लिंक सड़क,घर घर लगी रेलिंग का मुद्दा छाया रहेगा पालिका चुनाव मे
सीमांत जोशीमठ नगर पालिका में इस बार चुनाव में घमासान तो दिखेगा पर इस बार के पालिका चुनाव मे नगर पालिका के द्वारा रेलिंग का कार्य अपने चहितों के घरों पर किया जाना टाइल्स भी केवल चहितो के ही घरों पर लगाया जाना सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।
इन सभी कार्य से इस बार लोगो में पालिका की और काफी नाराजगी भी देखी जा रही है।
दूसरी तरफ औली पैदल मार्ग को जोड़ने वाला रास्ता आज भी धूल फांक रहा है वहां पर नाले का पानी बह कर रास्ते में आ रहा है जिससे लोगों को आवाजाही मे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
दूसरी तरफ ओएमपी के पास एक ऐसी सड़क नगर पालिका ने निर्माण कर दी है जिससे की कोई बस्ती तक जुड़ी हुई नही है वह मुद्दा भी इस नगर पालिका चुनाव में प्रमुखता से छाये रहने की संभावना है ।
साथ ही रविग्राम और सुनील के बीच बन रहा बाईपास भी पिछले 5 सालों से अधर में लटका हुआ है ।
वहीं अगर बात करें तो बाईपास के मामले पर भी नगरपालिका बोर्ड के द्वारा लापरवाही की गई जिसकी वजह से अब बाईपास हेलग से मारवाड़ी तक बनने जा रहा है बाईपास का मामला भी इस बार नगर पालिका चुनाव में गंभीरता से उठने की उम्मीद है
बाईपास से सबसे बड़ी समस्या तो भाजपा को उठानी पड़ सकती है दरसल केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है और अगर बाईपास हेलग से मारवाड़ी बनता है तो आने वाले नगर पालिका चुनाव में इसका खामियाजा भी भाजपा को भुगतना पड़ सकता है
नगरपालिका सूत्रों की मानें तो नगरपालिका स्वयं वित्तीय संकट से जूझ रही है नगर पालिका द्वारा लगाई गई नगर बस सेवा भी घाटे का सौदा ही साबित हो रही है नगरपालिका की जो बस सेवा नगर में संचालित हो रही है वह अपने चालक और परिचालक का मानदेय इकट्ठा तक नहीं कर पा रही है जिससे बस पर नगरपालिका के अन्य मदों का पैसा खर्च किया जा रहा है ।
20 नवंबर को जब नगर पालिका का नवनिर्वाचित अध्यक्ष नगर पालिका की कुर्सी पर काबिज होगा तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती रहेगी कि वह नगर पालिका के वित्तीय संकट को स्थिर करें वही विकास कार्य को भी पटरी पर लाने की चुनौती भी नवनिर्वाचित अध्यक्ष के ऊपर होगी