देहरादून। आज से लगभग तीन महीने पूर्व डामेसाई संस्था द्वारा आयोजित मिसेज इंडिया शी इज इंडिय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली दन्त चिकित्सक लुबना बिर्रिंग ने मिसेज इंडिया का खिताब जीतकर रुद्रपुर का नाम रोशन किया है। तमाम विषमताओं के बीच दो वर्ष के एक बेटे की मां ने न सिर्फ यह प्रतिष्ठित इवेंट जीता बल्कि दिसंबर में फिलीपीन्स की राजधानी मनिला में होने वाले मिसेज यूनिवर्स इवेंट के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव भी प्राप्त किया। मूल रूप से बरेली की रहने वाली 35 वर्षीय लुबना का विवाह आज से आठ वर्ष पूर्व शहर की ओमेक्स कॉलोनी में रहने वाले डॉ औरविन्द जीत सिंह बिर्रिंग के साथ हुआ। सिंह भी पेशे से दन्त चिकित्सक हैं। शादी के कुछ समय बाद इस इस दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसका नाम इन्होंने इवान रखा। चिकित्सक होने के बावजूद लुबना के मन में समाज के लिए कुछ करने का जुनून था। इस इच्छा की पूर्ति के लिए उन्हें पति डॉ. बिर्रिंग और सास का भरपूर साथ मिला और लुबना ने लगभग ग्यारह देशों की यात्राएं करने के साथ वहां न सिर्फ अपनी चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करायी बल्कि विदेशों की संस्कृति और कार्यशैली व महिलाओं के प्रति उनके सम्मान को आत्मसात कर भारत में भी कुछ करने की ठानी। इसी दौरान उनकी कुछ चिकित्सक मित्रों ने उन्हें डामेसाई श्मिसेज इंडिया, शी इज इंडिया्य प्रतियोगिता में भाग लेने की सलाह दी। लुबना को समाज के प्रति कार्य करने के लिए यह मंच उपयुक्त लगा और उन्होंने इस इवेंट में प्रतिभाग किया। दिल्ली के पांच सितारा उमराव होटल में 16 जुलाई को कुल 45 प्रतियोगियों के बीच लुबना ने प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न चरणों की बाधा लांघते हुए अंतिम पांच में जगह बना ली। निर्णायक मंडल में शामिल फिल्म स्टार कुनाल कपूर, संगीता बिजलानी अजहरुद्दीन, अदिति गोवित्रिकर, आशका गोरादिया, लक्ष्मी शेषाद्री के अलावा अवनी गांधी वर्मा और पिछले वर्ष की विजेजा श्वेता अठवाल को लुबना ने अपनी बुद्धिमता और वाक्पटुता से प्रभावित किया। प्रतियोगिता में जजों ने उनसे पूछा कि वह प्रतियोगिता जीतकर क्या करना चाहेंगी, तो लुबना का जवाब था कि समाज में स्त्री निरक्षरता और दहेज की बढ़ती कुरीति को रोकने का प्रयास करेंगी क्योंकि घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या व महिला उत्पीडन के यह सबसे बड़े कारक हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि एक औरत जीवन की सम्पूर्ण प्रक्रिया है। औरत ही बच्चे को जन्म से लेकर, पालन पोषण और संस्कारित करने का बीड़ा उठाती है। औरत साहस, ममता, शक्ति का प्रतीक है। स्नेह देने की उसकी कला उसके ममतालु स्वरुप और उसके आलिंगन में छुपी है। लुबना के इन्ही जवाबों ने उन्हें मिसेज इंडिया यूनिवर्स का ताज दिलवाया। दूसरे स्थान पर मुंबई की डेलनाज बलसारा और तीसरे स्थान पर पुणे की डॉक्टर मनीषा रही। इस दौरान आयोजन कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋचा सिंह ने बताया कि संस्था पिछले 18 सालों से इस प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है। महिलाओं के प्रति बढ़ती घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए भी संस्था सशक्त कदम उठाती रही है। संस्था का उद्देश्य ही विवाहित महिलाओं की प्रतिभा को तलाश व तराशकर उन्हें मुकाम हासिल करवाना है। लुबना की जीत पर उनके पति डॉ. सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी के विजेता चुने जाने से शहर की अन्य महिलाओं में भी उत्साह का संचार होगा। साथ ही कहा कि महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और हर परिवार को अपने घर की महिलाओं का आदर करने के साथ उन्हें हरसंभव संबल उपलब्ध कराना चाहिए। लुबना ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी सास श्रीमती बिर्रिंग को भी दिया। उन्होंने कहा कि उनकी ग्रुमिंग कोच रीता गंगवानी, वैलनेस कोच अवनि गांधी वर्मा व फोटोग्राफर नितिन बेदी ने भी उन्हें काफी मदद की। वहीं लुबना ने डॉ संगीता गायकवाड़ का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस पूरे इवेंट में एक परामर्शदात्री की भूमिका निभाई। अब लुबना का लक्ष्य मनिला में होने वाली मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता जीतकर रुद्रपुर, सूबे व देश का नाम रोशन करना है।