जोशीमठ प्रखंड के सूदूर गांव पल्ला-किमाणा की सड़क निर्माण का कार्य कछुवा गति से चल रहा है। ल्यांरी से किमाणा तक प्रथम चरण में 08 किमी तक सड़क निर्माण कार्य होना है। ग्रामीणों ने कई बार शासन और प्रशासन से सड़क निर्माण के कार्य में तीव्रता लाने के लिए लिखित रूप से ज्ञापन दिया है लेकिन सड़क निर्माण के कार्य में बिल्कुल भी तेजी नहीं आयी है। जबकि कार्यस्थल पर सड़क कटिंग के लिए पर्याप्त मशीन उपलब्ध है। स्थानीय विधायक के आश्वासन के बाद सड़क निर्माण का कार्य कर रहे ठेकेदार ने लिखित रूप से कहा ही कि वो दो माह में चट्टान के कटिंग का कार्य पूर्ण कर देगा परन्तु आज एक माह बीतने को है लेकिन सड़क निर्माण का कार्य कर रहे ठेकेदार ने अकारण निर्माण कार्य बंद किया हुआ है। विभागीय लापरवाही के चलते वर्तमान में सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण रूप से बंद है। स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा विभागीय अधिकारियों से कार्य बंद होने का कारण पूछने पर विभागीय अधिकारी स्पष्ट जबाब नहीं दे रहे है ऐसे में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे विभाग लोकनिर्माण और शासन से प्रति तीव्र रोष व्याप्त है। ज्ञान्तब्य हो कि इस क्षेत्र में सड़क बनने से पल्ला, जखोला, किमाणा, कालगोठ, डुमक के लोग सड़क के माध्यम से मुख्य धारा से जुड़ेंगे और साथ ही अपने स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में सफल होंगे और उनको उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल सकेगा साथ ही स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सुधरेगी। वर्षों से सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों के साथ शासन और प्रशासन की हीलाहवाली आज पल्ला-किमाणा क्षेत्र के लगभग 1000 से भी अधिक जनसंख्या वाले इस क्षेत्र के लोग विमुख होते जा रहे है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 7 दशकों के बाद भी आज प्रखंड के सुदूर गांव वाले मीलों पैदल चलकर अपने गांव पहुँचने के लिए मजबूर है। सड़क के अभाव में आज गांव के ग्रामीण साल-दर-साल पलायन करने के लिए मजबूर है। प्रखंड के इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के हालात दम तोड़ लगे है। शासन-प्रशासन और सड़क निर्माण कर रहे विभाग के झूठे दावों और आश्वासनों से अपने आप को ठगे महसूस करने वाले ग्रामीण अब अगर यदि समय रहते ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होगे।

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