देहरादून: 

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और वन विभाग ने ट्रक से बाघ की खाल और हड्डी की तस्करी कर रहे वन्यजीव तस्कर अर्जुन उर्फ कौआ गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो पिता-पुत्र हैं। उनके पास से दो बाघ की खाल और 35 किलो हड्डी बरामद की है। तस्कर बाघ की खाल काशीपुर से बेचने के लिए रुद्रपुर ला रहे थे। बाद में वन विभाग ने तीनों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। साथ ही पूछताछ में सामने आए कुछ अन्य तस्करों की तलाश शुरू कर दी है।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि बुधवार रात को सूचना मिली थी कि काशीपुर से रुद्रपुर के लिए बाघ की खाल की तस्करी की जा रही है। इस सूचना पर सीओ एसटीएफ सुमित कुमार पांडेय, तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के रेंजर रुपनारायण गौतम और निरीक्षक एमपी सिंह की अगुवाई में एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की संयुक्त टीम बाजपुर स्थित हाईवे पर पहुंची। जहां टीम ने बाजपुर दोराहा पर ट्रक यूके 18 सीए 6713 को रोक लिया। साथ ही ट्रक से बाघ की खाल और हड्डी ले जा रहे तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से दो बाघ की खाल और 35 किलो बाघ की हड्डी बरामद हुई। जिसमें एक बाघ की खाल 11फीट 4 इंच और दूसरे बाघ की खाल 9 फीट 4 इंच की है। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम शिव कालोनी सरवरखेड़ा जसपुर निवासी शमशेर सिंह पुत्र कुलविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह पुत्र खड़क सिंह, और जोगा सिंह पुत्र सुरता सिंह बताया। पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए तस्कर अर्जुन उर्फ कौआ गैंग से जुड़े हैं। बताया कि वह बाघ की खाल और हड्डी काशीपुर से लाए हैं उसे बेचने के लिए रुद्रपुर ले जा रहे थे।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि 22 जुलाई को खटीमा क्षेत्र में एक वन्यजीव तस्कर गैंग के विरुद्ध कार्रवाई कर एक बाघ की खाल और हड्डियां बरामद की थी। साथ ही सात वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान हुई पूछताछ में उनसे कई अहम जानकारी मिली थी। जिसके बाद एसटीएफ और वन विभाग मिले इनपुट के आधार पर काम कर रही थी और बाजपुर हाईवे से तीन वन्यजीव तस्कर को गिरफ्तार कर दो बाघ की खाल और 35 किग्रा हड्डियां बरामद कर ली।
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि एसटीएफ के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गये तीनों तस्करों के विरुद्ध वन विभाग रुद्रपुर में वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया कि बाघ वन्यजीव जंतु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है। इसका शिकार करना गंभीर अपराध है। वन प्रभाग इस मामले की पूरी छानबीन कर रहा है। मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।