देहरादून:
उत्तराखण्ड राज्य के सरकारी विद्यालयों में गढवाली और कुमाउंनी भाषा को बढावा देने के लिए शैक्षणिक स्तर पर नवाचारों के प्रयोग के तहत प्रार्थना सभा में गढवाली/कुमांउनी में प्रार्थना कई विद्यालयों में शुरू की जा चुकी है। वहीं राजकीय जूनियर हाईस्कूल दीपनगर देहरादून में नवाचार के तहत प्रतिज्ञा गढवाली में कराया जाने वाला पहला विद्यालय बन गया है।
शिक्षिका और गढवाली कवियित्री प्रेमलता सजवाण ने बताया कि हमने शैक्षणिक नवाचारों के तहत विद्यालय में नये प्रयेग करते हुए छात्र-छात्राओं से गढवाली में प्रतिज्ञा करवायी है। प्रार्थना सभा में होने वाली प्रतिज्ञा का गढवाली में अनुवाद शिक्षिका और कवियत्री प्रेमलता सजवाण के द्वारा किया गया है। उन्होनें बताया कि विद्यालय में पहले से ही गढवाली में प्रार्थना ’’नमो भगवती मॉ सरस्वती’’ और समूह गान ’’उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि’’ लोकभाषा गढवाली में पहले ही शुरू हो चुकी है। 26 अगस्त 2023 से विद्यालय में छात्र-छात्राओं को गढवाली में प्रतिज्ञा करवाना प्रारम्भ कर दिया है, जो हम सबके लिए एक सुखद अनुभव है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना सभा में ही बच्चे तरोताजा रहते हैं, उनके सीखने की प्रवृत्ति उस वक्त ज्यादा रहती है। उन्होनें कहा कि यह उत्तराखण्ड राज्य का पहला विद्यालय है, जहॉ लोकभाषा में प्रतिज्ञा करवायी जा रही हैं।