मसूरी,

उत्तराखंड और हरियाणा में भारी बारिश के बाद आई आपदा से पर्यटन सीजन पूरी तरीके से प्रभावित हो गया है जिससे रोजमर्रा के काम करने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है। पहाड़ों की रानी मसूरी में भी पर्यटन सीजन पूरी तरीके से प्रभावित है। मसूरी में पर्यटक न के बराबर नजर आ रहे हैं। मसूरी में पर्यटन उद्योग पूरी तरीके से चौपट हो रखा है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हाल में मसूरी होटल एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज कर होटल रेस्टोरेंट आदि के बिजली, पानी, सीवरेज आदि के बिल को 6 महीने के लिए माफ किए जाने की मांग की गई थी, वहीं पूर्व पालिका अध्यक्ष ओपी उनियाल ने राज्य सरकार से रिक्शा चालक और मजदूरी करने वाले मजदरों के लिए भी आपदा राहत दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि रिक्शा चालक और मजदूर वर्ग रोज अपनी रोटी कमाने के लिए काम करते हैं परंतु पिछले डेढ़ महीने से मसूरी में पर्यटक ना के बराबर है जिससे वह बुरी तरीके से प्रभावित है ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है जिससे वह काफी परेशान है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से गरीब वर्ग और रिक्शा चालकों के लिए राहत पैकेज दिए जाने की मांग की है।
मसूरी में रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष मंगल सिंह नेगी, रिक्शा चालक सोबन, गंभीर, दुर्गा आदि ने बताया कि डेढ़ महीने से वह मसूरी में पर्यटक न होने के कारण खाली बैठे हुए हैं। पर्यटक मात्रा ना के बराबर नजर आ रहे हैं जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार और बच्चों के पालन पोषण करने में भी काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि वह किराए के मकान में रहते हैं, ऐसे में मकान का किराया देने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं है।
उन्होंने बताया कि रिक्शा चालक रोज पैसे कमाते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे परंतु आज वह रोजी-रोटी के लिए परेशान हैं, उन्होंने सरकार से उनके लिए राहत पैकेज दिये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड और हरियाणा में भारी आपदा से हुए नुकसान की खबरें प्रकाशित की गई, जिससे उत्तराखंड में पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो गया, जब उत्तराखंड के कई ऐसे पर्यटन स्थल है जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं उसमें से पहाड़ों की रानी मसूरी भी है। उन्होंने कहा कि सरकार को पर्यटन उद्योग को वापस पटरी पर लाने के लिये कार्य योजना के तहत काम करना होगा।