देहरादून:
फर्जी दस्तावेज के सहारे सेना में भर्ती होने का सपना पाले 16 युवाओं के अलावा फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करने वाले तीन लोगों को कोर्ट ने तीन-तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सभी 19 अभियुक्त उत्तर प्रदेश के मेरठ व बुलंदशहर के रहने वाले हैं। करीब नौ साल बाद फैसला आया है।
नवंबर 2014 में आर्मी मैदान बनबसा में सेना भर्ती आयोजित हुई थी। सेना भर्ती को पहुंचे 16 अभ्यर्थियों के उपलब्ध कराए स्थायी निवास व जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी पाए गए थे। जिसके बाद बनबसा थाने में आइपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू हुई। विवेचना के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट टनकपुर की अदालत में मामला चला। सहायक अभियोजन अधिकारी उपेंद्र शर्मा ने मामले में पैरवी की। साक्ष्य व गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट नितिन शाह ने 19 अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। फर्जी दस्तावेज लेकर भर्ती होने पहुंचे 16 अभियुक्तों को तीन साल की जेल व 30 हजार रुपये का अर्थदंड और फर्जी दस्तावेज बनाने वाते तीन अभियुक्तों को तीन साल जेल व 20 हजार का अर्थदंड लगाया गया है। इस मामले में पूर्व में एक अभियुक्त को किशोर न्याय बोर्ड से भी सजा सुनाई गई है।