ऋषिकेश। नीदरलैंड(डच) की तकनीक के द्वारा इंदौर की फ्लेक्सि टफ लिमिटेड कंपनी व परमार्थ निकेतन के सहयोग से गंगा में गिर रहे गंदे नालो को टैप करके गंगा को स्वच्छ करने के प्रोजेक्ट का उदघाटन आज चन्द्रेश्वर नगर में राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रोजेक्ट के तकनीशियनों के अनुसार उक्त तकनीकी के माध्यम से गंगा में गिर रहे नालों को टेप कर फिल्टर कर पानी को पीने योग्य माना गया है।यदि यह तकनीक कारगर सिद्ध हुई तो सरकार भी इस पर पहल करेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह यूरोप की राईन नदी को वहॉ के नागरिकों की ईक्षा शक्ति से साफ किया जा सकता है तो महज 2500 किलोमीटर लम्बी गंगा को भी हम मिल कर आसानी से साफ कर सकते है, इसके लिए गंगा तटों पर रहने वाले लोगों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए, जिससे गंगा के तट गन्दगी मुक्त होकर सेल्फी प्वाइंट बन सके इस दौरान मुख्यमंत्री ने उक्त प्रोजेक्ट पर पहुंच कर सेल्फी भी ली। साथ ही परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती मुनी ने कहा कि वह गंगा में गिर रहे नालों को रोकने के लिए प्रयासरत रहेंगे जिसके चलते अब आश्रमों के निर्माण पर नही गंगा की पवित्रता पर खर्च किया जाएगा, जिसके लिए वह गंगा में गिर रहे अन्य गंदे पानी के नालों को भी गोद लेकर स्वछ गंगा अभियान को बढ़ाएंगे, वही गंगा तटों पर मौजूद शौचालयों को भी शीघ्र गोद लिया जाएगा, जिससे सीधे तौर पर कोई गन्दगी गंगा में न जा पाए।
वहीं कंपनी के निदेशक रजनीश मेहरा ने बताया कि परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती मुनी के सहयोग से कंपनी गंगा तट पर मिल रहे गन्दे नालों को रोकने के लिए अपने खर्चे पर एक बड़ा इन्वेस्टमेंट करके नालो को टैप करने का कार्य कर रही है, जिसके लिये देश मे पहली बार नीदरलैंड की तकनीक का प्रयोग ऋषिकेश मे गंगा स्वच्छता के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिना किसी सरकारी मदद के कंपनी द्वारा लगभग 3 करोड रुपए से मात्र ढाई हजार गज जमीन पर उक्त योजना की शुरुआत चंद्रभागा के गंगा तट पर जीओ ट्यूब डी वाटरिंग प्रोजेक्ट को लगा कर किया गया है, जिससे दो लाख बीस हजार लीटर पानी को प्रति घंटे में साफ कर गंगा में छोड़ा जाएगा।
उद्घाटन अवसर पर उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्यसचिव उत्तराखण्ड उत्पल कुमार, संदीप कुमार, प्रवीण कुमार, नमामि गंगे के निदेशक राघव लंगर, राजीव रंजन, रोहित चतुर्वेदी, राजीव उपाध्याय, कार्तिक कलानी आदि उपस्थित थे।

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