ऋषिकेश। शहीद विकास गुरुंग का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ मुनिकीरेती स्थित पूर्णानन्द गंगा घाट पर पहुँचा जहां उनको सेना के जवानों ने शोक धुन बजाकर बंदूकों से फायर कर अंतिम सलामी दी जिसके बाद शहीद विकास गुरुंग को सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन कर दिया गया, विकास की चिता को पिता रमेश गुरुंग ने मुखाग्नि दी, इस दौरान राज्य के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, जिला व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित गुमानिवाला, गुलरानी निवासी 21वर्षिय रायफलमैन विकास गुरुंग 2015 में 2/1 जी0एस0 गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. विकास के पिता रमेश गुरुंग भी सेना से सेवानिवृत्त हैं और विकास गुरुंग का छोटा भाई भी सेना में ही कार्यरत है। विकास गुरुंग जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गोरखा रेजीमेंट की 2/3 प्लाटून की सैन्य टुकड़ी तैनात थे।
विकास गुरुंग बीती शनिवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए थे। जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को बीते रोज सैन्य सम्मान के साथ उनके घर पर लाया गया था, जहां सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद के घर जाकर विकास गुरुंग को श्रद्धांजलि दी, स्थाानीय नागरिकों ने भी विकास के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। सेना के कंधों पर जब शहीद विकास गुरुंग का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ उनके घर से निकला तो जनसैलाब सड़कों पर निकल पड़ा। घर से लेकर अंत्येष्टि स्थल तक लोगो का हुजूम शहीद विकास की एक झलक पाने के लिए सड़क पर नजरें टिकाए रहे, वही लोगों में पाकिस्तान को लेकर काफी गुस्सा देखा गया, शहीद के लिए उमड़ा जनसैलाब ने शहीद पर फूल-मालाओं की बरसात कर पाकिस्तान मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाते रहे, वही हर आंख नम थी, कोई शख्स ऐसा नही था जिसने 21 वर्षिय विकास गुरुंग की शहादत को अश्रुपूर्ण श्रदांजलि न दी हो। इस दौरान गंगा तट पर भारी संख्या में जन सैलाब शहीद के अंतिम दर्शन के लिये मौजूद रहा और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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