देहरादून:
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाल ही में वन दरोगा भर्ती परीक्षा समते तीन परीक्षाओं को निरस्त कर दिया है, जिसके बाद परीक्षा पास करने वाले छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों का कहना है कि अब उनके पास आत्मदाह आखिरी विकल्प है। छात्रों का कहना है कि ये भर्ती परीक्षा पिछले 6 माह से एसटीएफ जांच के अधीन है, जिसमें वन दरोगा परीक्षा की जांच जनवरी माह तक पूर्ण होने की बात कही गयी है, जबकि आयोग के अध्यक्ष ने जांच रिपोर्ट एवं बिना किसी चयनित छात्र के दोषी पाए ही, केवल संभावनाओं के आधार पर परीक्षा को निरस्त कर दिया है।
छात्रों का कहना है कि यह परीक्षा ऑनलाइन माध्यम में एवं सीसीटीवी की निगरानी में सम्पन्न हुई थी। ऐसे में इसका Segregation किया जा सकता था, जैसे कि इसी प्रकार के प्रकरण में UP SI की हाल की परीक्षा में भी हुआ था। वन दरोगा के सफल अभ्यर्थियों को बार-बार एसटीएफ ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी ना पाया जाना बताया था। ऐसे में सफल अभ्यर्थियों में रोष का है। अभ्यर्थी आयोग एवं परेड ग्राउंड देहरादून में कडाके की ठंड में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वन दरोगा भर्ती निरस्त करने के मामले में चयनित अभ्यर्थियों ने सोमवार को गांधी पार्क के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही सरकार पर युवा बेरोजगारों को गुमराह करने का आरोप लगाया। सीएम आवास कूच के लिए एकत्रित हुए युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उन्हें न्याय दिलाने की मांग की। यूकेएसएसएससी के खिलाफ युवाओं ने नारेबाजी की। इस दौरान गौरव भट्ट, अभिषेक सजवाण, योगेश, कुणाल, ईप्सा, रुचि आदि मौजूद थे।