रुद्रपुर। एनएच 74 मुआवजा घोटाले में अभी एक और पीसीएस अफसर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिखाई दे रही है। हालांकि अभी गदरपुर से जुड़े कुछ मामलों की एफएसएल रिपोर्ट का पुलिस को इंतजार है। सूत्रों की मानें यह बैकडेट में 143 होने का मामला है। गदरपुर के छह किसानों की एफएसएल रिपोर्ट मिल गई है, लेकिन कुछ अन्य पत्रावलियों की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। यह पत्रावलियां एसआईटी की विवेचना में संदिग्ध पाई गई थी।
गौरतलब है कि एनएच 74 मुआवजा घोटाले में अभी तक चार पीसीएस अफसरों समेत बिल्डर व अन्य अधिकारी कर्मचारी जेल में हैं। एसआईटी अभी गदरपुर के कुछ मामलों की जांच कर रही है। बताया जाता है कि गदरपुर में भी बैक डेट में जमीनों की 143 करके भू उपयोग बदलने का खेल हुआ है। गदरपुर के छह किसानों की एफएसएल रिपोर्ट एसआईटी को मिल चुकी है, जिनमें कुछ मामलों में बैक डेट में 143 होने की बात सामने आ रही है। अभी गदरपुर की दूसरी रिपोर्ट आनी बाकी है। बताया जाता है कि जांच के दौरान गदरपुर में भी कई ऐसी 143 की पत्रावली मिलीं, जो मिसलबंद में दर्ज नहीं हैं। यानि इनके बैकडेट में 143 होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इन पत्रावलियों को एफएसएल की जांच के लिए भेजा है। इसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। माना जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट आने पर एक और पीसीएस अफसर पर गिरफ्तारी की गाज गिर सकती है। यह अफसर काफी पहुंच वाले हैं, जिस कारण इनका निलंबन भी काफी समय बाद हो पाया। गौरतलब है कि एनएच 74 के विस्तारीकरण में जो जमीनें अधिग्रहीत की गई, उनमें कुछ लोगों ने बैक डेट में 143 कराकर कई गुना अधिक मुआवजा वसूला है। मामले का खुलासा तत्कालीन मंडलायुक्त डी सेंथिल पांडियन की जांच से हुआ था। जिस पर मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
एसएसपी डा. सदानंद शंकर राव दाते ने बताया कि छह किसानों की एफएसएल रिपोर्ट मिल गई है। उनमें कुछ में बैक डेटिंग है। अभी गदरपुर की कुछ अन्य मामलों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। उस रिपोर्ट के आते ही एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी।

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