उतरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा में आये एवलांच में लापता पर्वतारोहियों को बचाने के लिए जद्दोजहद जारी है। आज सुबह से रेस्क्यू कर 6 पर्वतारोहियों को बचा लिया गया है। इस घटना में अभी भी 22 पर्वतारोहियों के लापता होने की सूचना है। मंगलवार को रेस्क्यू दल ने 26 पर्वतारोहियों का रेस्क्यू किया था। सभी की हालत सामान्य बताई जा रही है।
मंगलवार को निम के 54 पर्वतारोहियों को एक दल द्रौपदी का डांडा के बेस कैंप डोकराणी बामक के पास अचानक एवलांच (Avalanche in Uttarkashi) की चपेट में आ गये थे। जिसकी सूचना मिलते ही वहां रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया गया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, भारतीय सेना और भारतीय एयरफोर्स ने यहां रेस्क्यू का मोर्चा संभाल रखा है। मंगलवार को यहां रेस्क्यू कर 26 पर्वतारोहियों को सुरक्षित बचा लिया गया था। आज सुबह 6 पर्वतारोहियों को यहां से रेस्क्यू किया गया है।
द्रौपदी का डांडा में आये इस एवलांच (Avalanche in Uttarkashi) में निम ने अभी तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा बढ़ सकता है। मरने वालों में दो महिलाएं और दो पुरुष बताये जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लापता पर्वतारोही ग्लेशियर के बीच बड़ी दरारों फंसे हो सकते हैं।
उत्तरकाशी एवलांच की इस घटना (Avalanche in Uttarkashi) में एक बड़ी खबर यह निकल कर आ रही है कि इस घटना में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की भी मौत हो गई है। निम के प्रिंसिपल ने मौत की पुष्टि की है। सविता कंसवाल महिलाओं की प्रेरणा स्रोत थी और इस साल मई में उन्होंने एवरेस्ट फतह किया था। उनकी मौत के सूचना से पूरे उत्तरकाशी में शोक की लहर दौड़ गई है।