देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि बैंकिंग सुविधाओं का लाभ सूदूरवर्ती क्षेत्रों व कमजोर तबकों तक पहुंचना चाहिए। इसके लिए बैंकों को मिशन के तौर पर काम करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन व वित्तीय साक्षरता पर फोकस करें। मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 65 वीं बैठक में सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने सहित केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न फ्लेगशिप योजनाओं में बैंकों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कृषि की सहायक गतिविधियों जैसे कि डेयरी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन के लिए बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध कराए जाने चाहिए। जोतदार (टीनेंट फार्मर) किसानों को कैसे लाभ दिया जा सकता है, इस सम्भावना का भी अध्ययन कर लिया जाए। बैंक टारगेटेड व टाईमबाउंड तरीके से काम करें।
बैठक में बताया गया कि 31 मार्च 2018 को समाप्त त्रैमास पर राज्य का ऋण जमा अनुपात 57 प्रतिशत रहा है जो कि 31 मार्च 2017 के सापेक्ष 2 प्रतिशत अधिक है। 2017-18 की समाप्ति पर निर्धारित वार्षिक ऋण योजना में 16581.90 करोड़ रूपए की उपलब्धि रही। जो कि लक्ष्य का 90 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 17,82,842 व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 4,83,334 व्यक्तियों को पंजीकृत किया गया है। किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य के तहत बैंकों द्वारा कृषि की सहायक गतिविधियों में 2,399 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए गए हैं। बैंकों द्वारा वर्ष 2017-18 में वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन कर विभिन्न फ्लेगशिप योजनाओं, डिजीटल ट्रांजेक्शन आदि के संबंध में लोगों को जागरूक किया गया।
बैठक में वित्त मंत्री प्रकाश पंत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक सुब्रत दास, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अविनाश चंद्र सहित शासन के आला अधिकारी व विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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