आईआईटी रूड़की के वाटर रिसोर्सेस डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में जल संसाधन विभाग भारतीय मानक ब्यूरो और आईआईटी रूड़की द्वारा संयुक्त रूप से हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर झील द्वारा बाढ़ प्रकोप व भूस्खलन आपदाओं पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
आपको बता दें कि इस राष्ट्रीय सेमिनार में आईआईटी रुड़की के प्रोफ़ेसर व जल संसाधन विभाग भारतीय मानक ब्यूरो से विशेषज्ञ सम्मिलित हुए और उनके द्वारा केदारनाथ त्रासदी व हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर झील द्वारा बाढ़ व भूस्खलन आपदाओं के आने के कारणों पर चर्चा कक गयी। सम्मेलन में ग्लेशियोलॉजी और क्रायोस्फेरिक साइंस के क्षेत्र में प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान भी दिए गए। भारत मानक ब्यूरो से सम्मेलन में पहुँचे असिस्टेंट डायरेक्टर दुष्यंत प्रजापति ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में केदारनाथ समेत जो अन्य त्रासदियाँ हुई हैं ये मुख्य रूप से अचानक ग्लेशियर्स के कारण होती है जिसमें पानी तेज आवेग के साथ नीचे आता है वह अन्य आपदाएं लेकर आता है। इन सभी की रोकथाम व बचाव हेतु सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें देश भर से विशेषज्ञों से विचार विमर्श व राय मशवरा किया जा रहा है जिससे एक निश्चित समाधान निकल सके। वहीं आईआईटी रूड़की से प्रोफेसर चंद्रशेखर प्रसाद ओझा ने कहा कि निश्चित रूप से आज के इस सेमिनार से देश भर के विशेषज्ञों के विचार विमर्श से इस अहम मुद्दे पर निष्कर्ष निकल कर आएगा।