भगवानपुर तहसील के गांव सिकरोडा में स्थित राजकीय आई टी आई अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर बच्चों का भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
राजकीय आईटीआई का निर्माण 2016 में लाखों रुपयों ख़र्च कर बिल्डिंग का निर्माण कराया गया ताकी क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके मगर आलाधिकारीयो की अनदेखी के चलते इस संस्थान के हालात पुरी तरह खराब नजर आते हैं आईटीआई करने के लिए कुल 32 छात्र छात्राओं ने एडमिशन लिया मगर कम शिक्षक व चपरासी ना होने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में डुब रहा है
इस आईटीआई में प्रधानाचार्य अमित कुमार है जो कि यहां पर अटैच किते हुए हैं इनकी पोस्टींग डेलना गांव में स्थित आईटीआई में है एक फौरमैन है वो भी अटैच किये गये है जिनका नाम महेन्द्र सिंह है इनकी पोस्टींग बंदर जुड़ गांव में है इसके अलावा यहां पर 3 इस्टैकटर (टीचर) की नियुक्ति है मगर सुविधा ना होने के कारण न तो समय पर पढ़ाई होती है ना ही समय पर संस्थान खुलता है चपरासी ना होने के कारण बच्चों को रोज खुद संस्थान का ताला बन्द व खोलना पड़ता है इतना ही नहीं बच्चों को कक्षा की साफ सफाई भी खुद ही करनी पड़ती है इस से अंदाजा लगाया जा सकता है की बच्चे कैसे पढ़ पायेंगे अगर यही हाल रहा तो बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा आईटीआई खुलने का समय 10 बजे है मगर संस्थान 11 बजे खुलता है जब तक अध्यापक नहीं आते तब तक बच्चे बाहर ही खड़े रहने पर मजबूर हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा सब पढ़ो सब बढ़ो पुरी तरह जीरो दिखाई दे रहा है यह सब आलाधिकारियों की अनदेखी के कारण हो रहा है छात्रो ने मांग की है की है की हमारे संस्थान मे अगर चपरासी की नियुक्ति हो जाते तो हम लोग झाडू लगाने से बच जायेंगे और जो समय हमारा सफाई करने में खराब होता है वो पढ़ाई करने में काम आयेगा

 

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