ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सतोपंथ झील पर इस बार कम बर्फ़बारी होने से पहाड़ सूखे पड़े है जहा ऊँचाई वाली हिम चोटियां बर्फ़बारी से लदालद रहते थे वही चोटियां खाली दिखाई दे रही है बद्रीनाथ धाम से आगे सतोपंथ झील पर भी कम बर्फ़बारी होने से सूखने का संकट मंडराने लगा है इन दिनो सतोपंथ ट्रेक पर्यटको के लिए खुला है जहा पर्यटक प्रेमी प्रकृति का सुन्दर नजारा देखने पहुंच रहे है टीम के एक सदस्य सोवेन्द्र रावत ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार मई माह मे अधिकांश बर्फ पिघल गई है वही पैदल ट्रैक पर ग्लेशियर भी कम है झील के आसपास की बर्फ कम बर्फ़ है वही चक्रतीर्थ के पास भी ग्लेशियर कम ही मात्रा मे दिखाई दे रहे है गौरतलब है कि बद्रीनाथ धाम से 22 किमी का पैदल ट्रैक पार कर पर्यटक सतोपंथ पहुंचते है और सतोपंथ ताल मे स्नान कर पाप मुक्त हो जाते है हालांकि की बरसात के बाद यहा जाने का आन्नद ही कुछ और है पर आजकल बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने के साथ लोग सतोपंथ भी पहुंच रहे है
ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सतोपंथ झील पर इस बार कम बर्फ़बारी होने से पहाड़ सूखे पड़े है जहा ऊँचाई वाली हिम चोटियां बर्फ़बारी से लदालद रहते थे वही चोटियां खाली दिखाई दे रही है बद्रीनाथ धाम से आगे सतोपंथ झील पर भी कम बर्फ़बारी होने से सूखने का संकट मंडराने लगा है इन दिनो सतोपंथ ट्रेक पर्यटको के लिए खुला है जहा पर्यटक प्रेमी प्रकृति का सुन्दर नजारा देखने पहुंच रहे है टीम के एक सदस्य सोवेन्द्र रावत ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार मई माह मे अधिकांश बर्फ पिघल गई है वही पैदल ट्रैक पर ग्लेशियर भी कम है झील के आसपास की बर्फ कम वही चक्रतीर्थ के पास भी ग्लेशियर कम ही मात्रा मे दिखाई दे रहे है गौरतलब है कि बद्रीनाथ धाम से 22 किमी का पैदल ट्रैक पार कर पर्यटक सतोपंथ पहुंचते है और सतोपंथ ताल मे स्नान कर पाप मुक्त हो जाते है हालांकि की बरसात के बाद यहा जाने का आन्नद ही कुछ और है पर आजकल बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने के साथ लोग सतोपंथ भी पहुंच रहे है

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