मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ‘जीरो बैंलेंस, जीरो चार्ज’ वाले खाते खुलवाने के लिए खूब प्रचार किया, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी जीरो बैलेंस वाले जन धन खातों का अपने भाषणों में जमकर जिक्र किया, लेकिन इन खातों से जुड़ी अब एक चैंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना अकाउंट भी शामिल हैं उन पर अचानक फ्रीज होने या रेग्युलर होने का खतरा है।
दरअसल ऐसे अकाउंट्स से महीने में चार फ्री ट्रांजैक्शन की जा सकती हैं, जिनपर कोई भी बैंक किसी भी तरह का चार्ज नहीं लगा सकते और उसके बाद पैसे निकालने पर चार्ज लगना होता है। लेकिन अब सामने आया है कि चार ट्रांजैक्शन पूरे होने पर ऐसे खातों को कई बैंक फ्रीज कर रहे हैं। वहीं एचडीएफसी, सिटी जैसे बैंक चार ट्रांजैक्शन पूरे होने पर उन खातों को खुद से ही रेग्युलर अकाउंट में तबदील कर रहे हैं। खाता रेग्युलर होने का नुकसान यह है कि अगर फिर उन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा गया तो बाकी कस्टमर्स की तरह इन अकाउंट होल्डर्स पर भी पेनल्टी लगने लगती है।
इतनी ही नहीं बैंकों ने फ्री ट्रांजैक्शन की परिभाषा को भी बिल्कुल बदल दिया है। इसमें सिर्फ एटीएम से निकाले गए पैसे ही नहीं बल्कि, आरटीजीएस, एनईएफटी, ब्रांच विद्ड्रॉल, ईएमआई को भी शामिल किया जा रहा है। वहीं खाता फ्रीज होने पर अगर किसी ने शुरुआती कुछ दिनों में चार ट्रांजैक्शन पूरी कर ली तो फिर बाकी पैसे निकालने के लिए उसे अगले महीने का इंतजार करना होगा। वहीं खाताधारक ऑनलाइन सामान खरीदने, भीम ऐप से पैसे ट्रांसफर करने या त्नच्ंल कार्ड से पैसे देने में असमर्थ हो जाते हैं।
बता दें कि यह जानकारी आईआईटी मुंबई की एक रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक खाता फ्रीज कर देते हैं, एचडीएफसी और सिटी बैंक उन्हें रेग्युलर बैंक अकाउंट में बदल देते हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने हाल में पांचवे ट्रांजैक्शन पर चार्ज लेना शुरू किया था, लेकिन विरोध के बाद फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा।
रिपोर्ट के जरिए मांग उठाई गई है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बीएसबीडीए। अकाउंट्स को अनलिमिटिड इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन करने दी जाएं और बाध्यता सिर्फ पैसे निकालने पर लगें।

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