रुड़की.

विधानसभा चुनाव को लेकर टिकटों का बंटवारा करते हुए उत्तराखंड में सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने जिन कई सिटिंग विधायकों को उम्मीदवार बनाने से परहेज़ किया, उनमें झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल का नाम भी शामिल रहा. अपना टिकट कटने का झटका सह नहीं सके कर्णवाल का दर्द मीडिया के सामने छलक उठा और वह कैमरे के आगे रो पड़े. उन्होंने भाजपा के दो बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए और कहा कि पार्टी ने गलत लोगों को टिकट देने का फैसला किया, जिससे उन्हें तकलीफ ज़्यादा है. हालांकि पार्टी छोड़ने जैसी कोई बात कर्णवाल ने नहीं कही.

बीजेपी ने झबरेड़ा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान रोक रखा था. गुरुवार को जब इस सीट पर स्थिति स्पष्ट हुई तो टिकट न मिलने से नाराज़ विधायक देशराज कर्णवाल मीडिया के सामने रो पड़े और कहा कि ‘मैंने पार्टी को अपनी मां माना, लेकिन कुछ लोगों ने मेरे साथ धोखा किया.’ झबरेड़ा विधानसभा से बीजेपी ने राजपाल सिंह को प्रत्याशी घोषित किया, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर एक दिन पहले ही भाजपा का दामन थामा. कर्णवाल ने राजपाल को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले को गलत करार देकर कहा कि दलबदल करने वाले को पार्टी ने टिकट दिया, इसका दुख ज़्यादा है. झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल अपनी पत्नी का टिकट कटने से बेहद निराश हैं, उन्होंने बड़ी बेबाकी के साथ कहा कि एक षड्यंत्र के तहत भाजपा के कुछ लोगों ने उनकी पत्नी का टिकट कटवाया है. पहले उनकी पत्नी वैजयंती माला का अध्यापिका पद से रिजाइन कराया और उसके बाद टिकट भी नहीं दिया, जो एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है. इतना कहने के बाद विधायक कर्णवाल रो पड़े.

कर्णवाल अपना दुख और बयान देने के दौरान मीडिया के सामने रो पड़े. उन्होंने हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और मंत्री यतीश्वरानंद को अपने टिकट कटने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. कर्णवाल ने कहा कि ‘ऐसे व्यक्ति को पार्टी में जॉइन करवाया जाता, जिसने मुझसे अधिक काम इस क्षेत्र में किये होते तो बात और थी. जो लोग टिकट मांग रहे थे, उन्हें प्रत्याशी बनाया जाता, तो भी ठीक था, लेकिन पार्टी के कुछ लोगों ने धोखा किया है.’

कर्णवाल की पत्नी वैजंतीमाला ने भी टिकट न मिलने पर भाजपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि ‘मैं एक शिक्षिका हूं और मुझसे चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिलवा दिया गया लेकिन मुझे टिकट भी नहीं दिया गया.’ वैजंतीमाला ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि शिक्षिका का पद उन्हें वापस दिलवाया जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल

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