उत्तराखंड कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं में विरोध देखने को मिला। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में कुछ दिन ही शेष है, लेकिन कांग्रेस में अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। लैंसडाउन से कांग्रेस ने हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को टिकट दिया है, जिसको लेकर पार्टी में विरोध शुरू हो गया है। लैंसडाउन से कांग्रेस टिकट के दावेदार रहे रघुवीर बिष्ट के समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय में अनुकृति को टिकट दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।उत्तराखंड कांग्रेस से आज की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां टिकट को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की गुपचुप बैठक शुरू हो चुकी है. आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल बैठक में मौजूद हैं। बैठक में कई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर विचार किया जा रहा है। सूत्र, दरअसल, सूची जारी होने के बाद कांग्रेस के कई प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है।बीते सोमवार को कांग्रेस ने 11 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की, जिसमें कांग्रेस ने दिग्गज नेता हरीश रावत को रामनगर से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में उनके और इस सीट से कांग्रेस दावेदार रणजीत रावत के बीच तकरार की खबर सामने आ रही है। वहीं, इस पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हरीश रावत ने किसी भी मतभेद से इनकार किया है।

हरिद्वार ग्रामीण इस सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा दावेदार हैं। पर एक परिवार एक टिकट की वजह से इस सीट पर फैसला रुका है। यदि हाईकमान अपने फार्मूले में रियायत देता है तो अनुपमा को टिकट मिलने की उम्मीद है। इधर, रुड़की विधानसभा सीट को लेकर हरीश रावत और प्रीतम सिंह कैंप आमने सामने हैं। इस सीट पर रावत कैंप जहां मनोहरलाल शर्मा के पक्ष में बताए जा रहे हैं वहीं प्रीतम कैंप यशपाल राणा के पक्ष में हैं।

चौबट्टाखाल और टिहरी सीट पर कांग्रेस चौंकाने वाला फैसला कर सकती है। सूत्रों के अनुसार चौबट्टाखाल सीट पर पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह को उतारा जा सकता है। टिहरी सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की खामोशी टूटने का इंतजार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस फिलहाल एक परिवार एक टिकट के फार्मूले पर सख्ती से आगे बढ़ रही है।

कुछ समय पहले भाजपा छोड़कर दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व काबीना मंत्री यशपाल और उनके बेटे संजीव आर्य के सिवाय किसी दूसरे परिवार को दो टिकट नहीं मिले हैं।रणनीतिक रूप से उपयोगी साबित होने पर कांग्रेस एक परिवार से दो टिकट के फार्मूले पर पुनर्विचार भी कर सकती है। प्रदेश के नेता शुरू से कह रहे हैं कि यदि किसी व्यक्ति की जनता में स्वीकार्यता है तो उसे एक परिवार एक टिकट के फार्मूले से मुक्त रखा जा सकता है।

हालांकि इस पर अंतिम निर्णय हाईकमान के स्तर पर ही होना है। चौबट्टाखाल से भाजपा से काबीना मंत्री सतपाल महाराज मैदान में है। सूत्रों के अनुसार, उनके खिलाफ कांग्रेस के पास फिलहाल कोई बड़ा चेहरा नहीं है। हरक का इस सीट पर दखल है। यदि उन्हे टिकट मिलता है तो वो मजबूत कैंडीडेट तो होंगे ही, साथ ही अपनी बहु अनुकृति की सीट लैंसडौन और चौबट्टाखाल दोनों पर फोकस कर सकते हैं।

इधर, टिहरी पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की वजह से निर्णय रुका हुआ है। न केवल कांग्रेस  बल्कि ने भी इस सीट पर अब तक प्रत्याशी तय नहीं किया है। नरेंद्रनगर
पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत नरेंद्रनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी से टिकट के दावेदार थे। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वो बगावत का ऐलान कर चुके हैं। रावत की कांग्रेस से भी बातचीत चल रही है।

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