प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच नवंबर को प्रस्तावित केदारनाथ दौरे से कांग्रेस बेचैन है। मोदी के दौरे के दौरान भाजपा के ज्योतिर्लिंगों पर जलाभिषेक कार्यक्रम को 2022 के चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रही कांग्रेस अब जवाबी रणनीति के साथ मैदान में आ गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिलों में 12 प्रमुख शिवालयों में भजन-कीर्तन का कार्यक्रम तय किया है। मोदी लहर का पिछले चुनाव में असर देख चुकी कांग्रेस अब फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। कभी सार्वजनिक रूप से धार्मिक कार्यक्रमों से गुरेज करने वाली कांग्रेस को अब भाजपा की राह पर चलने से गुरेज नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सावन हो या नवरात्र या अन्य हिंदू धार्मिक पर्वों पर मंदिरों का रुख कर रहे हैं। उनकी देखा-देखी अब प्रदेश में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता मंदिरों में दर्शन तो कर ही रहे हैं, इसे सार्वजनिक कार्यक्रम के तौर पर भी पेश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का दीपावली के तुरंत बाद पांच नवंबर को केदारनाथ दौरे को भाजपा मेगा धार्मिक इवेंट बनाने जा रही है। देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही शिवालयों में इसी दिन जलाभिषेक का कार्यक्रम भी रखा गया है। मोदी और भाजपा के इस कदम से राज्य के प्रमुख प्रतिपक्षी दल में भी हलचल है। मोदी का दौरा तय होते ही प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत ने केदारनाथ धाम की राह पकड़ने में देर नहीं लगाई। उन्होंने बाबा केदार से मुख्यमंत्री बनाने का आशीर्वाद भी मांगा है। प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव अभियान की बागडोर संभाल रहे हरीश रावत ने मोदी के दौरे के मद्देनजर शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ मंथन किया। प्रदेश संगठन ने तय किया है कि पांच नवंबर को भी केदारनाथ में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी के दौरान पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख शिवालयों में भजन-कीर्तन करेंगे।

 

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