उत्तराखंड सरकार और भाजपा के जनप्रतिनिधि विकास के बड़े-बड़ दावे करते हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है, ऐसा तब देखने को मिला जब खुद केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट बेतालघाट पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई दरअसल समस्या यह थी कि बेतालघाट क्षेत्र में पिछले 4 महीने से पानी की बूंद बूंद को लोग तरस रहे हैं।

घंटों इंतजार में खड़े रहने के बाद कई किलोमीटर दूर से लोग पानी भरकर लाते है, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के बेतालघाट दौरे के दौरान ग्रामीणों का जमकर गुस्सा फूट पड़ा, उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री के सामने जमकर विरोध किया यहां तक की भाजपा के ही कार्यकर्ता जो कि पेयजल किल्लत से परेशान थे उन्होंने भी केंद्रीय मंत्री के सामने साफ कर दिया कि न सड़क मांग रहे हैं न बिजली मांग रहे हैं कम से कम पीने का पानी तो मुहैया करा दो भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंच पर बैठने से और पद लेने से कुछ नहीं होगा धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा। ग्रामीणों और केंद्रीय मंत्री के बीच तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुके नैनीताल के विधायक संजीव आर्य का कहना है कि विकास कार्य न होने की वजह से ही उन्होंने भाजपा छोड़ी थी यही वजह है कि लोग आज इतने आक्रोशित हैं कि सरकार के प्रति उनका गुस्सा लाजमी है। हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ मौके पर मौजूद भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने कहा कि ये कोई आक्रोश नहीं था, जनता की समस्याओं को लेकर उनकी नाराजगी थी जो कि स्वाभाविक भी है। तत्काल संज्ञान लेते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जिलाधिकारी को पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दे दिए, गौरतलब है कि चुनाव नजदीक है ऐसे में लोगों का आक्रोश सत्ता के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जिस कदर बढ़ रहा है उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिन सत्तासीन भाजपा के लिए ठीक नहीं है।

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