देहरादून
उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जॉइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम की एक दिवसीय कांफ्रेंस आयोजित की गई। साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं। साईबर अपराध के मामलो में लगातार बढोत्तरी हो रही है। जिसमें दोनों ही वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे हैं।
साइबर अपराधों की रोकथाम एवं खुलासे के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यह भी देखा गया है कि बैंक/वॉलेट/पेमेंट गेटवे आदि से भी पुलिस को लगातार समन्वय स्थापित करना पड़ता है। इससे पहले पिछले साल चण्डीगढ़ में ऑनलाइन बैठक आयोजित हुई थी । आपको बता दें कि ज्वाइन क्राइम कोआर्डिनेशन गृह मंत्रालय, भारत सरकार की एक अहम एवं नई पहल है जिसमें पूरे भारत को विभिन्न साइबर जोन में बाटा गया है, जिसमें उत्तराखण्ड को नॉर्थ जोन में रखा गया है। इस जोन में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, उत्तराखण्ड और गृह मंत्रालय इस समूह के सदस्य हैं। इस समूह का उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित करना, सूचना एवं अपराध के विश्लेषित आंकड़ो को एक दूसरे से आदान प्रदान करना, अभियोगों में अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु मिलकर सामुहिक स्तर पर प्रयास करना है।इस बैठक मे नॉर्थ जोन के सदस्य राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ, आईबी, ईडी, सीबीआई टेलीकॉम डिपार्टमेंट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी रजिस्ट्रार ऑफ को ऑपरेटिव सोसाइटी और विभिन्न पेमेंट गेटवे, वॉलेट, बैंक आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में विभिन्न साइबर अपराध, आर्थिक अपराध एवं संगठित अपराध पर अंकुश लगाने हेतु सुझावो पर विचार विमर्श हुआ ।
बाइट- अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड